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भारत-अफगानिस्तान व्यापार बंद, तालिबान ने आयात-निर्यात पर लगाई रोक, महंगे होंगे ड्राई फ्रूट्स

India-Afghanistan Business: digi desk/BHN/ तालिबान के सत्ता संभालते ही भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार ठप हो गया है। यानी ना तो भारतीय सामान अफगानिस्तान में जा सकता है, और ना ही अफगानिस्तान से कुछ भारत आ सकता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) ने गुरुवार को कहा कि तालिबान (Taliban) ने पाकिस्तान (Pakistan) के सभी ट्रांजिट रूट बंद कर दिये हैं। इस वजह से भारत से सभी इंपोर्ट और एक्सपोर्ट बंद हो गये हैं। FIEO के महानिदेशक अजय सहाय ने बताया कि तालिबान ने पाकिस्तान से लगनेवाली अपनी सीमा सील कर दी है। अफगानिस्तान से अधिकांश आयात पाकिस्तान से होकर आनेवाले ट्रांजिट रूट से होता है। ऐसे में लाखों डॉलर का आयात-निर्यात रुक गया है।

FIEO के महानिदेशक अजय सहाय ने बताया कि तालिबान ने पाकिस्तान को माल की आवाजाही बंद कर दी है, इसलिए करीब-करीब आयात रोक दिया गया है। FIEO के मुताबिक निकट भविष्य में भारत में सूखे मेवों (Dry Fruits) की कीमतें बढ़ सकती हैं, क्योंकि भारत इन वस्तुओं का लगभग 85 प्रतिशत अफगानिस्तान से आयात करता है। वहीं एक्सपोर्ट के संबंध में सहाय ने कहा कि कुछ सामान अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के जरिए एक्सपोर्ट किया जा रहा था और दूसरे सामान दुबई रूट से जा रहे थे। इसके बावजूद उन्होंने उम्मीद जताई कि आनेवाले समय में व्यापारिक संबंधों में सुधार हो सकता है।

अफगानिस्तान से कितने का होता है कारोबार?

सहाय ने बताया “भारत-अफगानिस्तान का निर्यात 2021 में लगभग 835 मिलियन डॉलर का था। जबकि हमने हमने लगभग 510 मिलियन अमरीकी डॉलर के सामान का आयात किया। इसके अलावा अफगानिस्‍तान में हमारा काफी बड़ा निवेश है। हमने अफगानिस्तान में लगभग 3 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश किया है और अफगानिस्तान में लगभग 400 प्रोजेक्ट्स हैं, जिनमें से कुछ वर्तमान में चल रहे हैं।” आपको बता दें कि भारत चीनी, चाय, कॉफी, मसाला समेत अन्य चीज़ें एक्सपोर्ट करता है, जबकि बड़े स्तर पर ड्राई फ्रूट्स, प्याज वगैरह खरीदता है।

ड्राई फ्रूट्स की बढ़ेंगी कीमतें

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां से भारत आने वाले ड्राई फ्रूट (Dry Fruits) का कारोबार बुरी तरह बाधित हुआ है। इसके कारण भारत में सूखे मेवे के दामों में काफी इजाफा हो गया है। इसकी वजह अफगानिस्तान में जारी गतिरोध और आयात में कमी है। इसके अलावा इनकी कमी की आशंका की वजह से भी कारोबारियों ने रेट बढ़ा दिये हैं। वैसे माना जा रहा है कि आनेवाले कुछ महीनों तक इनकी कीमतें बढ़ी हुई ही रहेंगी।

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