कांग्रेस विधायक विजय राघवेन्द्र सिंह ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाया मामला
सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना में लोक निर्माण विभाग द्वारा किस तरह से फर्जी भुगतान किए जा रहे हैं इसे लेकर बड़वारा से कांग्रेस विधायक विजय राघवेन्द्र सिंह ने लोकनिर्माण विभाग सतना में हुए फर्जी भुगतानों का मामला नियम 138/1 के तहत ध्यानाकर्षण के माध्यम से विधान सभा में उठाया है। इसे लेकर अब सतना में हड़कंप मचा हुआ है। विधायक ने ध्यानाकर्षण में कहा गया है कि लोक निर्माण विभाग सतना संभाग के कार्यपालन यंत्री एचएल वर्मा द्वारा माह जून 2021 में देयकों के भुगतान के लिए बिना नोटशीट अनुमोदित किए व देयक पारित किए बिना फर्जी देयकों का भुगतान किया गया है एवं कैशबुक में इनकी प्रविष्टियां की गई है जो सूचना के अधिकार के तहत कई लोगों द्वारा प्राप्त कर ली गई है। परफारमेंस गारंटी के मार्ग सतना साइडिंग डगडीहा मार्ग सहित नरोहिल एवं मरौहा मार्ग में बिना गिट्टी मुरूम लिए राजेश सिंह के नाम से लगभग 5 लाख का फर्जी बिल तैयार कराया जाकर भुगतान जून 2021 में किया गया है।
इसी तरह सतना साइडिंग डगडीहा मार्ग में किलोमीटर 1 से 3/2 तक का मार्ग जो सीमेंट कंक्रीट मार्ग है रुपए 10.42 लाख का पैच मरम्मत का फर्जी देयक अरुण सिंह के नाम से तैयार कर भुगतान के लिए ऑडिटर को मार्क किया गया है जो आवंटन के अभाव में अभी भी भुगतान के लिए लंबित है। श्री वर्मा द्वारा सतना साइडिंग डगडीहा मार्ग जैतवारा डगडीहा मार्ग एवं जेल पहुंच मार्ग सतना जो परफारमेंस गारंटी में जून 2021 तक थी एवं संविदाकार द्वारा इन मार्गों में कोई मरम्मत नहीं की गई परंतु फिर भी इन मार्गों की परफारमेंस गारंटी की राशि वापस कर दी गई। इसी प्रकार रगला पहुंच मार्ग के साथ अन्य कई मार्ग जो ठेकेदार की परफारमेंस गारंटी में थी इनमें भी कोई मरम्मत कार्य परफारमेंस अवधि में नहीं की गई, इन सभी मार्गों की मरम्मत के लिए बीके विश्वकर्मा कार्यपालन यंत्री द्वारा संविदाकार को नोटिस भी दी गई थी परंतु फिर भी इन मार्गों की मरम्मत कराए बिना एचएल वर्मा कार्यपालन यंत्री द्वारा परफारमेंस गारंटी की राशि वापस कर जनता को खराब सड़कों में धक्के खाकर चलने के लिए मजबूर किया गया है।
पूरे मामले में विधायक द्वारा बताया गया है कि इसी तरह लोक निर्माण विभाग रीवा परिक्षेत्र अंतर्गत जेसीबी, ट्रक, ट्रैक्टर, रोलर एवं पानी टैंकर लगाकर मार्गों की मरम्मत कराने के लिए विगत वर्ष 2015 से अभी तक लगातार रुपए 60 करोड़ की स्वीकृतियां अधीक्षण यंत्री रीवा एवं शहडोल द्वारा प्रदान की गई है परंतु मार्गों की मरम्मत नहीं कराया गया एवं बिना मार्गो की मरम्मत कराए स्वीकृतियों के विरुद्ध बिल वाउचर बनाकर देयक प्रस्तुत किए जाकर शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है।