Drug Trap In Chhattisgarh: रायपुर। इंजीनियर निकिता के साथ ड्रग्स बेचने वाली युवतियां दुबई फरार हो गई हैं। इसमें भिलाई, बिलासपुर और रायपुर की युवतियों के शामिल होने की बात सामने आई है। युवतियां हाईप्रोफाइल बताई गई हैं। इधर निकिता से पूछताछ में पुलिस के हाथ रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग से 55 ऐसे लोगों के नाम मिले हैं, जो ड्रग्स तस्करी में कहीं-न-कहीं संलिप्त बताए जा रहे हैं। राजधानी पुलिस एक-एक कर ड्रग्स तस्करों की कुंडली खंगालने में जुटी है। कोतवाली पुलिस जल्द ही कुछ और लोगों को गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है।
ज्ञात हो कि 30 सितंबर को राजधानी में पहली बार कोकीन के साथ दो आरोपित श्रेयांश झाबक और विकास बंछोर को गिरफ्तार किया गया था। दोनों के पास से 17 ग्राम कोकीन के साथ मापने वाली मशीन जब्त की गई थी। गिरफ्तार आरोपितों के पास से चार सिम कार्ड मिले थे। पुलिस ने सिम कार्ड से डिटेल रिकार्ड खंगाला तो कई ड्रग्स तस्करों के नाम सामने आए। पुलिस अब तक ड्रग्स तस्करी के मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने निकिता की सिम को सीडीआर पर डाल दिया है। पुलिस को निकिता के मोबाइल से कई नाम मिलने की है।
युवतियां पार्टी में करती थीं ड्रग्स की सप्लाई
पुलिस सूत्रों की मानें तो आरोपित निकिता के मोबाइल की जांच में एक दर्जन से अधिक युवतियों के नाम शामिल हैं। युवतियां पार्टी में ड्रग्स परोसने का काम करती थीं। इसके साथ ही वे ग्राहकों को जोड़ने का भी काम करती थीं। निकिता इन युवतियों के साथ मिलकर छोटी-छोटी पार्टियों का आयोजन करती थी। इसके साथ ही यह रायपुर, भिलाई और बिलासपुर में भी पार्टी का आयोजन करती थी, लेकिन जैसे ही पुलिस ने ड्रग्स तस्करी मामले का पर्दाफाश कर इनके साथियों को गिरफ्तार करना शुरू किया, वे मोबाइल बंद कर प्रदेश छोड़कर फरार हो गई हैं।
युवतियों ने किए मोबाइल नंबर बंद
युवतियों के नाम पुलिस ने नहीं बताए हैं, लेकिन सूत्रों की मानें तो फरार हुई युवतियों ने अपना मोबाइल नंबर बंद कर दिया है। लेकिन पुलिस इन युवतियों के ऊपर नजर रख रही है। वहीं दूसरी तरफ राजधानी के करीब तीन से चार ड्रग्स तस्कर अभी फरार हैं। ड्रग्स तस्करों का भी मोबाइल नंबर बंद है। पुलिस की टीम जल्द ही ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने के लिए मुंबई और पड़ोसी राज्यों में भेजी जाएगी। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि ड्रग्स तस्करी मामले में आरोपितों को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीम काम कर रही है। किसी भी बख्शा नहीं जाएगा।