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स्मार्ट सिटी की वजह से अधर में पहला संस्कृत कन्या विद्यालय

 भोपाल। प्रदेश के पहले संस्कृत कन्या विद्यालय को खुले महज कुछ ही साल हुए हुए हैं कि उसके अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान द्वारा संचालित राजधानी के टीटी नगर स्थित शासकीय आदर्श कन्या आवासीय संस्कृत विद्यालय को भी हटाया गया था। दो साल होने को हैं, लेकिन उसके लिए स्थायी ठिकाना नहीं मिल पाया है। छठवीं कक्षा से संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में वर्ष 2017 में यह पहला संस्कृत विद्यालय खोला गया था। इसमें टीकमगढ़, अनूपपुर, शहडोल, बैतूल, बालाघाट, शिवपुरी सहित अन्य आदिवासी बहुल जिलों की 106 छात्राएं अध्ययनरत हैं।

इस स्कूल को पुराना रशीदिया स्कूल में अस्थायी रूप से शिफ्ट किया गया है, जहां छात्रावास की समस्या है। इस स्कूल के लिए जिला प्रशासन की ओर से जगह चि-ति करने के लिए कहा गया था। संस्कृत संस्थान ने अलकापुरी कॉलोनी में 3 एकड़ जमीन चि-ति भी की, लेकिन फाइल जिला प्रशासन के पास ही दबी है। ज्ञात हो कि राजधानी में स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कई सरकारी स्कूलों को हटाया गया। इनमें टीटी नगर क्षेत्र के 3 निजी और 8 सरकारी स्कूल हैं। सभी स्कूलों को दूसरे जगह अस्थायी रूप से शिफ्ट किया गया है।

हॉल में बना दिया छात्रावास

जनवरी 2019 में संस्कृत विद्यालय को टीटी नगर क्षेत्र से हटाकर पुराने रशीदिया स्कूल में अस्थायी रूप से शिफ्ट कर दिया गया था। यहां पहले से ही रशीदिया स्कूल की पहली से बारहवीं तक की कक्षाएं लगती हैं। ऐसे में संस्कृत विद्यालय की छात्राओं के शिक्षण के लिए न तो कक्षाएं मिल पाती हैं और न उनके रहने के लिए कमरे। ऐसे में छात्राएं हॉल में सोने को मजबूर हैं।

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