Danger of another epidemic marburg: digi desk/BHN/ कोरोना वायरस लगातार अपने वेरिएंट में वृध्दि कर रहा है, जो दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे में नए वायरस का दस्तक देना भयावह मंजर की ओर इशारा करता है। सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पश्चिम अफ्रीका में अत्यधिक संक्रामक रोग ‘मारबर्ग’ वायरस के पहले मामले की पुष्टि की है। डब्ल्यूएचओ ने सूचित करते हुए बताया कि यह नया वायरस इबोला और कोरोना से भी अधिक खतरनाक माना जा रहा है। यह जानवरों के मेजबान से मनुष्यों में भी फैल सकता है।
रोगी ने इसे लेकर एक स्थानीय क्लिनिक में इलाज की मांग की थी, जहां लगातार उसकी हालत बिगड़ती देख उसके लक्षणों की जांच करने के लिए एक चिकित्सा जांच दल को भेजा गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अफ्रीका के क्षेत्रीय निदेशक डाॅ मतशीदिसो मोएती ने गिनी ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा सतर्कता और त्वरित जांच कार्रवाई की सराहना की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘‘ मारबर्ग वायरस के दूर-दूर तक फैलने की संभावना का मतलब है कि हमें इसे अपने ट्रैक में रोकने की जरूरत है। हम स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं।
महामारी वैज्ञानिकों और सामाजिक-मानविज्ञानिकों सहित 10 डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों का एक समूह अब इस मामले की जांच करने में मदद कर रहा है। ध्यान देने वाली बात यह है कि गुएकेडौ भी वही क्षेत्र है, जहां गिनी में 2017 के इबोला के प्रकोप के साथ-साथ 2014-2016 के पश्चिमी अफ्रीका के प्रकोप के मामलों का शुरू में पता चला था। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि मारबर्ग वायरस आमतौर पर रौसेटस चमगादड़ की गुफाओं से जुड़ा होता है। इसका संक्रमण संक्रमित लोगों के शारीरिक तरल पदार्थ, या दूषित सतहों और सामग्रियों के संपर्क में आने से फैलता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आगे बताया कि इस वायरस की बीमारी अचानक से शुरू होती है जिसमें तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द और अस्वस्थता के साथ और कई रोगियों में 7 दिनों के भीतर गंभीर रक्तस्त्रावी लक्षण विकसित होते हैं। इस वायरस से जितना बचा जाए उतना ही अच्छा है क्योंकि अभी तक इसके इलाज के लिए कोई वैक्सीन या एंटीवायरल उपचार स्वीकृत नहीं है।