Ujjwala 2.0:digi desk/BHN/ गरीब परिवारों को रसोई गैस सुलभ करवाने वाली केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना का विस्तार हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उज्ज्वला योजना 2.0 (Ujjwala 2.0) का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के महोबा में हुआ, जिसमें पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर कनेक्शन सौंपकर उज्जवला 2.0 योजना का शुभारंभ किया। खास बात यह है कि उज्ज्वला 2.0 में प्रवासियों को राशन कार्ड या एड्रेस प्रूफ जमा करने की जरूरत नहीं होगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी ने हिमाचल, पंजाब, गोवा, यूपी और मध्य प्रदेश की महिला लाभार्थियों से बातचीत की। इस समारोह में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने कहा कि रक्षाबंधन से पूर्व यह देश की बहनों को गिफ्ट है।
पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की बड़ी बातें
- – पीएम मोदी ने कहा, उज्ज्वला योजना ने देश के जितने लोगों, जितनी महिलाओं का जीवन रोशन किया है, वो अभूतपूर्व है। ये योजना 2016 में यूपी के बलिया से, आजादी की लड़ाई के अग्रदूत मंगल पांडे की धरती से शुरु हुई थी। आज उज्ज्वला का दूसरे संस्करण भी यूपी के ही महोबा की वीरभूमि से शुरु हो रहा है।
- – आज मैं बुंदेलखंड की एक और महान संतान को याद कर रहा हूं। मेजर ध्यान चंद, हमारे दद्दा ध्यानचंद। देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार हो गया है।
- बीते साढ़े 7 दशकों की प्रगति को हम देखते है तो हमें जरूर लगता है कि कुछ स्थितियां, कुछ हालात ऐसे हैं जिनको कई दशक पहले बदला जा सकता था। घर, बिजली, पानी, शौचालय, गैस, सड़क, अस्पताल, स्कूल, ऐसी अनेक मूल आवश्यकताएं है जिनकी पूर्ति के लिए दशकों का इंतज़ार देशवासियों को करना पड़ा।
- – हमारी बेटियां घर और रसोई से बाहर निकलकर राष्ट्रनिर्माण में व्यापक योगदान तभी दे पाएंगी, जब पहले घर और रसोई से जुड़ी समस्याएं हल होंगी। इसलिए, बीते 6-7 सालों में ऐसे हर समाधान के लिए मिशन मोड पर काम किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देशभर में करोड़ों शौचालय बनाए गए।
- – बहनों के स्वास्थ्य, सुविधा और सशक्तिकरण के इस संकल्प को उज्ज्वला योजना ने बहुत बड़ा बल दिया है। योजना के पहले चरण में 8 करोड़ गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी परिवारों की बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया। इसका कितना लाभ हुआ है, ये हमने कोरोना काल में देखा है।
- – अब मेरे श्रमिक साथियों को एड्रेस के प्रमाण के लिए इधर-उधर भटकने की ज़रूरत नहीं है। सरकार को आपकी ईमानदारी पर पूरा भरोसा है। आपको अपने पते का सिर्फ एक सेल्फ डेक्लेरशन, यानि खुद लिखकर देना है और आपको गैस कनेक्शन मिल जाएगा