“खुशियों की दास्तां”
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी योजना लाड़ली लक्ष्मी योजना समाज में बेटियों के प्रति सामाजिक सोच में बदलाव लाकर लाड़ली बेटियों के उज्जवल भविष्य के सपने साकार करने में मदद भी कर रही है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत कक्षा 6वीं में शिव ज्योति स्कूल धवारी में पढ़ रही लाड़ली आकाशी द्विवेदी का कहना है कि पढ़ाई-लिखाई में खूब मेहनत कर आईएएस अधिकारी बनकर गरीबों की सेवा करेंगी। कन्या धवारी की कक्षा 9वीं में पढ़ रही लाड़ली काजल अग्रवाल का सपना टीचर बनकर समाज को शिक्षित करने का है। कक्षा 11वी में उत्कृष्ट विद्यालय व्यंकट क्रमांक-1 में अध्ययनरत रिया सोनी पढ़-लिख कर आईपीएस पुलिस अधिकारी बनना चाहती हैं।
वहीं कक्षा 12वीं में पढ़ रही रानू देवी को डॉक्टर बनकर मरीजों की सेवा करनी है। इन सभी लाड़ली लक्ष्मी योजना की लाभान्वित बेटियों के खाते में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योजनान्तर्गत छात्रवृत्ति की राशि अंतरित की है। बेटियों की माताओं ममता द्विवेदी, प्रियंका अग्रवाल, गीता सोनी और रेनू का कहना है कि सरकार की इस योजना से बेटियों में आत्म-निर्भरता की भावना का विकास हुआ है। इसके साथ ही विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश लेने पर हर वर्ष मिलने वाली छात्रवृत्ति से इनकी हौसला अफजाई भी सरकार द्वारा होती है। राज्य सरकार की लाड़ली लक्ष्मी योजना बेटियों के सम्मान, उनके आत्म-विश्वास और भविष्य के सपने को पूरा करने में अत्यंत मददगार साबित हो
रही है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत बेटियों के कक्षा 6वीं में प्रवेश पर 2 हजार रूपए, कक्षा 9वीं में प्रवेश पर 4 हजार रूपए, कक्षा 11वीं में प्रवेश पर 6 हजार रूपए और कक्षा 12वीं में प्रवेश पर 6 हजार रूपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। बालिका के 12वीं की परीक्षा में शामिल होने और 18 वर्ष की आयु तक विवाह न करने तथा 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर एक लाख रूपए का भुगतान किये जाने का प्रावधान है। महिला बाल विकास के सहायक संचालक श्याम किशोर द्विवेदी बताते हैं कि सतना जिले में योजना प्रारंभ से अब तक लाड़ली लक्ष्मी योजना में कक्षा 6 की 15 हजार 656 बालिकायें, कक्षा 9 की 2 हजार 523, कक्षा 11 की 102 और कक्षा 12 की 9 बालिकाओं सहित 18 हजार 290 बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना की छात्रवृत्ति से लाभान्वित किया गया है। एक जनवरी 2006 से प्रारंभ शासन की महत्वाकांक्षी योजना लाड़ली लक्ष्मी योजना में सतना जिले की एक लाख 18 हजार 121 बालिकाओं को अब तक लाभान्वित किया जा चुका है।
आरटीई के तहत विद्यालय में प्रवेश की अंतिम तिथि बुधवार को
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत, निजी विद्यालयों में निःशुल्क प्रवेश के लिए पात्र बच्चों को विद्यालयों में प्रवेश लेने की अंतिम तिथि 28 जुलाई तक बढ़ाई गई है। पूर्व में यह तारीख़ 26 जुलाई 2021 निर्धारित थी। संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस ने बताया कि मौसम की विपरीत परिस्थितियों और पात्र बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए विद्यालय में प्रवेश लेने की अंतिम तिथि 28 जुलाई तय की गई है।
धनराजू ने बताया कि प्रदेश के सभी जिला परियोजना समन्वयक को निर्देश जारी किए हैं कि आवंटन पश्चात संबंधित बच्चे द्वारा आवंटित स्कूल में निःशुल्क प्रवेश के लिए उपस्थित होने के साथ ही अशासकीय स्कूल द्वारा मोबाइल एप के माध्यम से बच्चे की फोटो लेकर निःशुल्क प्रवेश दर्ज कराना सुनिश्चित कराये। उल्लेखनीय है कि निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रभावी क्रियान्वयन और कमजोर वर्ग एवं वंचित समूह के बच्चों को निजी स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश के लिए सत्र 2021-22 में ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से स्कूल का आवंटन किया गया था।