छतरपुर, भास्कर हिंदी न्यूज़/ बुंदेलखंड के केदारनाथ कहे जाने वाले जटाशंकर धाम में जोरदार बारिश ने शिवालय का जलार्चन करके अनूठा श्रृंगार कर दिया है। बारिश के दौरान प्रकृति के अदभुत सौंदर्य का नजारा देखने को मिला। छतरपुर जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर बिजावर अंचल में जटाशंकर धाम है। यह चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा है। यहां के मंदिर में शिवलिंग है। इस स्थान को बुंदेलखंड के केदारनाथ धाम के रूप में जाना जाता है। इस प्राचीन मंदिर में विराजे भगवान शिव का गोमुख से गिरती हुई धारा हमेशा जलाभिषेक करती रहती है।
यह मंदिर आस्था बड़ा केन्द्र है। यूं तो यहां हमेशा ही श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है, पर बारिश में यहां का नजारा और भी मनोरम हो जाता है। श्रद्धा व आस्था के साथ प्राकृतिक सौंदर्य के आकर्षण में बंधे श्रद्धालु यहां भगवान शिव के जलार्चन के लिए सहज ही खिंचे चले आते हैं।
मनोरम है जटाशंकर धाम का प्राकृतिक सौंदर्य
ऐसी मान्यता है कि जटाशंकर धाम के इस मंदिर के जल से कई लोगों की बीमारियां खत्म हुई हैं। बारिश ने मंदिर को चारों ओर से घेरे पहाडि़यों को हरियाली की चादर इस तरह से ओढ़ाई कि चारों ओर हरीतिमा छा गई है। प्राकृतिक दृष्टि से भी यह स्थान मनोरम है। चारों ओर इस स्थान को घेरे हुए पहाड़ इसके सौन्दर्य को चौगुना कर देते हैं। बंदरों के साथ यहां अन्य जंगली जानवरों के दीदार भी हो जाते हैं। इन दिनों जटाशंकर धाम के प्राकृतिक झरने प्रकृति प्रेमी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। इन दिनों हुई झमाझम बारिश से समीप मोनासैया और जटाशंकर धाम से 10 किमी दूर स्थित घोघरा जलप्रपात का नजारा भी अद्भुत हो गया