There was speculation about congress leader kamalnath: digi desk/BHN/ भोपाल/ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ के दिल्ली जाने को लेकर गुरुवार को दिनभर अटकलें लगती रहीं। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनकी मुलाकात को इससे जोड़कर देखा जा रहा था। दरअसल, काफी समय से उनको राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा चल रही है। हालांकि, कमल नाथ ने एक बार फिर कहा कि वे मध्य प्रदेश में रहेंगे।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से यह अटकलें लगाई जाती रही हैं कि कमल नाथ दिल्ली चले जाएंगे। वे राष्ट्रीय स्तर पर काम करेंगे। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल के निधन के बाद इस चर्चा को आधार भी मिल गया। वहीं, नेतृत्व ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी, उससे भी यह संदेश गया।
पंजाब और राजस्थान में पार्टी नेताओं के बीच चल रही खींचतान को समाप्त कराने के लिए उन्होंने प्रयास किए। इसके मद्देनजर गुरुवार को उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात नई जिम्मेदारी मिलने से जोड़कर देखा जा रहा था। संभावना जताई जा रही थी कि उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि, वे कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि उनके पास कोई पद रहे या न रहे, वे मध्य प्रदेश में रहेंगे।
पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी कहा था कि वर्ष 2023 में होने वाला विधानसभा चुनाव कमल नाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। उधर, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस पूरे घटनाक्रम पर कहा कि कमल नाथ कभी मध्य प्रदेश के नेता नहीं रहे। वे दिल्ली के ही कार्पोरेट कल्चर वाले नेता हैं। उनकी प्रतिबद्धता केवल गांधी परिवार के लिए ही है। उनके कांग्रेस नेतृत्व से मिलने या न मिलने से भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
नेतृत्व जो जवाबदारी सौंपेगा उसे भी निभाऊंगा
कांग्रेस नेतृत्व ने मुझे आज तक जो भी जवाबदारी व दायित्व सौंपे हैं, उसका सदैव इमानदारी के साथ निर्वहन किया है। आगे भी जो भी जवाबदारी नेतृत्व सौंपेगा, उसे उसी प्रकार निभाऊंगा। यह भी सच है कि मध्य प्रदेश नहीं छोडूंगा।
कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री