Bandhavgarh Tiger Reserve: उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला जोन में दो नवजात मादा बाघ शावकों की मौत हो गई है। मरने वाले दोनों शावक बमुश्किल एक सप्ताह के थे। बताया गया है कि शावकों की आंख भी अभी नहीं खुली थी। इन शावकों के जन्म की जानकारी भी प्रबंधन को इसलिए नहीं लग पाई थी क्योंकि अभी बाघिन इन शावकों को निकालकर सामने नहीं लाई थी। इस बारे में जानकरी देते हुए पार्क प्रबंधन ने बताया कि किसी बड़े बाघ के हमले में यह घटना हुई है। दोनों ही शावकों के शरीर पर चोट के घातक निशान पाए गए हैं।
शुक्रवार की शाम मिला था घायल
बताया गया है कि दोनों बाघ शावक शुक्रवार शाम को गोहड़ी बीट के कक्ष क्रमांक 301 में पाए गए थे। इसमें से एक की मौत हो चुकी थी जबकि दूसरा घायल था। घटना के बारे में जानकारी देते हुए बांधवगढ़ के फील्ड डायरेक्टर विंसेंट रहीम ने बताया कि दोनों बाघ शावकों को गश्त के दौरान देखा गया था। गश्त करने वाले कर्मचारियों ने सूचना दी थी कि एक शावक की मौत हो गई है जबकि दूसरा घायल है। इस सूचना के बाद दूसरे घायल शावक पर रात भर नजर रखी गई और सुबह तक उसकी भी मौत हो गई। शनिवार की सुबह शवों का परीक्षण करने के बाद ताला में ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
गुफा से नहीं आए थे बाहर
पार्क प्रबंधन ने बताया है कि दोनों शावक अभी गुफा से बाहर नहीं आए थे। आशंका जताई जा रही है कि जब बाघिन शिकार के लिए निकली होगी तो कोई मेल बाघ गुफा में पहुुुंच गया होगा जिसने शावकों को अपना शिकार बना लिया। मेल बाघ शावकों पर हमला कर देता है और इसकी वजह बाघिन के सामिप्य की चाहत होती है। मौके पर किसी बड़े संघर्ष के कोई निशान नहीं मिले हैं जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि घटना के समय शावक गुफा में अकेले ही रहे होंगे।
सात माह में छह शावकों की मौत
बांधवगढ टाइगर रिजर्व में पिछले सात महीने में छह बाघ शावकों की मौत हो चुकी है। मार्च के महीने से अभी तक इस तरह की यह तीसरी घटना है। दो घटनाओं में ही चार शावकों की मौत हो चुकी है जबकि दो अन्य घटनाओं में दो शावकों की मौत हुई थी।