इंदौर । कोरोना महामारी में लॉकडाउन के बाद कई बैंक व कंपनियां ग्राहकों को ऑनलाइन सुझाव दे रही हैं। ऐसे में उनकी वेबसाइट पर जाकर समस्या बतानी पड़ती है और समस्या का समाधान किया जाता है। इसका फायदा उठाते हुए ठगोरों ने नामी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर गूगल पर डाल दी है।
जैसे ही ग्राहक बैंक या कंपनी का नाम टाइप करता है तो उसे हूबहू दिखने वाली फर्जी वेबसाइट दिखती है। क्लिक करते ही ठग वेबसाइट के माध्यम से निजी जानकारी ऑनलाइन लेते हैं और खाते से ऑनलाइन रुपये निकाल लेते हैं। लॉकडाउन के बाद से अब तक 23 मामलों में इस तरह की शिकायतें आई हैं।
क्राइम ब्रांच के अनुसार बदमाश ऑनलाइन ठगी के नए तरीके अपना रहे हैं। बैंक, संस्था या किसी कंपनी के नाम से फर्जी वेबसाइट गूगल पर डालकर वे लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। तीन दिन पहले छत्रीपुरा के रहने वाले जगदीश सिंहा ने आवेदन दिया था कि उन्होंने गूगल पर आइसीआइसीआई बैंक की मिलती जुलती वेबसाइट खोली, उसमें कस्टमर केयर व समस्या के समाधान के लिए ऑनलाइन ऑप्शन दिया था।
ऑप्शन पर क्लिक करते ही वेबसाइट ने खाता, पेन, आधार कार्ड नंबर सहित अन्य जानकारी मांगी। इसके बाद एक ओटीपी आया, ओटीपी डालते ही कुछ देर में बैंक खाते से 10-10 हजार रुपये कटने लगे और कुल 80 हजार रुपये निकल गए।
फर्जी कस्टमर केयर बनकर ठगा
शालीमार स्वयं भानगढ़ रोड पर रहने वाले रजत राजपूत ने बताया कि बुधवार रात ऑनलाइन डिलीवरी करने वाली कंपनी जमेटो से 400 रुपये का खाना ऑर्डर किया था। रुपये कटने के बाद बहुत देर तक खाना नहीं आया तो उन्होंने वेबसाइट पर जाकर जमेटो का कस्टमर केयर नंबर ढूंढ़ा। नकली वेबसाइट से कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया तो उन्होंने रुपये वापस करने की बात की और फिर से ऑर्डर करने के लिए कहा।
रुपये वापस करने के लिए उन्होंने खाते व अन्य निजी जानकारी मांगी। रुपये वापस मिलने के कारण पूरी जानकारी दे दी। ओटीपी देते ही रुपये कटना शुरू हो गए। खाते से करीब डेढ़ लाख रुपये कट गए। क्राइम ब्रांच के एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर ने बताया कि ठगी करने वाली इस तरह की वेबसाइट के बारे में जानकारी निकालकर उन पर कार्रवाई की जाती है।