इंदौर। सामान्य मांग के बीच आपूर्ति घटने की वजह से पिछले 15 दिनों में दालों के भाव 1,500 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गए हैं। हालांकि बुधवार को तेजी थम गई और चने व मसूर दाल में 50 रुपये प्रति क्विंटल गिरावट आई है। अन्य दालों के भाव स्थिर रहे। पिछले एक पखवाड़े के दौरान तुअर और उड़द दाल के भाव करीब 1,500-1,500 रुपये प्रति क्विंटल बढ़े हैं।
चना दाल में भी 400-500 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई है। इसका असर मसूर और मूंग जैसी अन्य दालों के भाव पर भी हुआ। दाल मिलरों का कहना है कि मौजूदा भाव पर स्थिरता की संभावना तो है, लेकिन आपूर्ति फिलहाल तंग ही रहेगी। दरअसल, कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकारी एजेंसी नैफेड बफर स्टॉक का दलहन बेचने वाली है। इसका टेंडर 13 तारीख से निकलेगा।
हालांकि नैफेड की तरफ से ऐसा कोई ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन इसको लेकर जो रिपोर्ट्स आईं, उसका असर बाजार के रुझान पर हुआ और तेजी थम गई। नैफेड यदि बफर स्टॉक के दलहन की बिकवाली करती भी है, तो मध्य प्रदेश में इसका ज्यादा असर होने की संभावना नहीं है।
फिलहाल हालात सुधरने की उम्मीद कम
दाल मिलर सुजय काबरा ने बताया कि मध्य प्रदेश में नैफेड के पास तुअर नहीं है। इस लिहाज से यह एजेंसी महाराष्ट्र और कर्नाटक में इसकी बिकवाली कर सकती है, लेकिन मध्य प्रदेश में बफर स्टॉक के तुअर की बिकवाली की संभावना नहीं है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तुअर और मूंग का आयात कोटा जारी करने के लिए आवेदन मंगवाए थे, जिसकी आखिरी तारीख 15 मई थी, लेकिन अब तक कोटा जारी नहीं किया गया है। सरकार ने दलहन आयात का कोटा जारी करने में काफी देर कर दी है। यदि अगले कुछ दिन में कोटा जारी कर भी दिया जाता है, तो विदेशों से माल आने में 30-45 दिन लग जाएंगे। यानी फिलहाल आपूर्ति बढ़ने की संभावना नहीं है।