अनूपपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले के अमरकंटक ताप विद्युत केंद्र चचाई में 210 मेगावाट यूनिट के टरबाइन फ्लोर में एमओटी टैंक में आग लगने से बिजली का उत्पादन ठप हो गया और आगजनी की घटना से एमसीआर को नुकसान पहुंचा है। प्लांट अधिकारियों की लापरवाही से आग लगने की बड़ी घटना हुई। इसी विद्युत यूनिट को 150 दिन निर्बाध बिजली उत्पादन करने पर मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई को ऊर्जा मंत्री सहित कंपनी प्रबंधन द्वारा प्रशंसा की गई थी। उपलब्धि मिलने के अगले दिन ही चचाई प्लांट के 210 मेगा वाट संयंत्र में भीषण आग लग गई।
मोटर का चल रहा था मेंटेनेंस अचानक चौथी मंजिल में लगी आग
अमरकंटक ताप विद्युत केंद्र चचाई में 210 मेगा वाट की यूनिट वर्तमान में क्रियाशील है। इस एकमात्र यूनिट में बुधवार को एक बड़े आवाज के साथ टरबाइन फ्लोर की चौथी मंजिल में अचानक आग लग गई। आग लगते ही अधिकारियों और कर्मचारियों में अफरातफरी मच गई थी। जहां यह आग लगी थी वह टरबाइन के एमसीआर की है यहां मैन आयल टैंक है जहां टरबाइन के बैरिंग में आयल भेजने के लिए मोटर लगी हुई है बताया गया है कि आयल की बिछी मोटी केबल लीकेज थी उसी लीकेज में आग पकड़ ली। टरबाइन के रोटर की बैरिंग को चलाने आयल इसी केबिल से जाती है। यह भीषण आग लगातार प्लांट को मनमाने तरीके से चलाए जाने के कारण मोटर के गर्म होने और केबिल से जा रही आयल के संपर्क में आने से आग पकड़ ली। बताया गया है कि आग लगने से जो केबिल बिछी हुई थी मोटर पंप के लिए वह पूरी तरह से जल गई। आग करीब 10 बजे लगी उस समय मोटर का मेंटेनेंस भी चल रहा था।
तेज धमाके के साथ लगी आग, भागे वरिष्ठ अधिकारी
आग लगने की घटना के दौरान प्लांट के कुछ वरिष्ठ अधिकारी और स्टाफ मौजूद था एक तेज धमाके के साथ यहां आग लगी और लोग ऊपरी मंजिल से नीचे की तरफ भागे। घटना की जानकारी लगते ही दमकल विभाग का वाहन तुरंत आग बुझाने के लिए पहुंचा। आग की लपट पूरे एमसीआर को घेर ली थी। आग लगने की घटना के साथ ही उत्पादन का काम बंद हो गया। करीब एक घंटे पूरे परिसर में अमला आग बुझाने में लगा रहा। सबसे पहले मैन ऑयल टैंक के आस-पास लगी आग को बुझाया गया ताकि नुकसान और ज्यादा ना हो सके। प्लांट के कर्मचारियों ने बताया कि जो केबिल जल गई है उसकी जगह जब तक नई केबिल नहीं बिछाई जाएगी प्लांट को उत्पादन हेतु शुरू नहीं किया जा सकेगा। बताया गया है कि चचाई की 210 मेगा वाट यूनिट को पिछले 150 दिनों से चलाया जा रहा था और इसके पीछे मकसद था नया रिकॉर्ड बनाने का। आगजनी की घटना का एक कारण यह भी माना जा रहा है। जब आग लगी थी तो कई किलोमीटर दूर से आग के गुबार को उठता हुआ देखा गया था। इस आगजनी की घटना से मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी को बड़ा नुकसान पहुंचा है।