Booster Dose: digi desk/BHN/ देश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान जारी है, लेकिन क्या यह टीके आगे तक हमारी मदद कर पाएंगे? या फिर एक समय तक ही इनका असर देखने को मिलेगा? इसे लेकर भारत के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा है कि भारत, अमेरिका और कई अन्य देशों में यह देखने के लिए अनुसंधान हो रहा है कि क्या टीकों की अधिक प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए बूस्टर खुराक की आवश्यकता होगी। भारत में टीकाकरण शुरू हुए लगभग पांच महीने हो चुके हैं। हर कोई सरकार, डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की ओर देख रहा है कि क्या वे सुरक्षित हैं या उन्हें खुद को सुरक्षित बनाने के लिए बूस्टर खुराक की जरूरत है। यह महत्वपूर्ण सवाल है और हम अमेरिका और यूरोपीय देशों सहित भारत और विदेशों में बहुत सारे शोध कर रहे हैं, “दिल्ली में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ संजीव सिन्हा ने एएनआई को बताया कि “हमारे पास दो-तीन महीनों में अन्य डेटा भी होगा। तब हम बूस्टर डोस पर फैसला कर पाएंगे। सब कुछ शोध पर आधारित होगा। बूस्टर खुराक पर भी कुछ काम चल रहा है।
डॉ सिन्हा ने लोगों से सावधानी बरतने और आत्मसंतुष्ट न होने का आग्रह किया क्योंकि नए मामलों की संख्या में कमी आई है। “यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय है। हर एक को बहुत सावधान रहना होगा। लोगों को कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना चाहिए और अत्यंत आवश्यक होने पर ही अपने घरों से बाहर निकलना चाहिए। यह बेहतर है कि लोग घर से काम कर सकते हैं।