Ayodhya land purchase:digi desk/BHN/ अयोध्या में राम मंदिर के लिए जमीन खरीदी में भ्रष्टचार के विपक्ष के आरोपों की हवा निकलती नजर आ रही है। मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के डीएम व अन्य अधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी दी और दस्तावेजों की जांच भी की। कहा जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ अफसरों की बातों से संतुष्ट हुए हैं और उनकी नजर में जमीन खरीद में कोई घोटाला नहीं हुआ है। इससे पहले भूमि की खरीद में रविवार को सपा नेता तेजनारायण पांडेय पवन और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह द्वारा लगाए घोटाले के आरोप को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बेबुनियाद बताया है। ट्रस्ट के मुताबिक जमीन का एग्रीमेंट पहले ही हो चुका था, हमने जमीन की औसत से भी कम कीमत चुकाई है। सपा नेता के आरोप का मुख्य आधार यह था कि जिस भूमि का इसी वर्ष 18 मार्च को तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया, उस भूमि का एग्रीमेंट करने वाले रविमोहन तिवारी एवं सुल्तान अंसारी ने उसी तारीख को 10 मिनट पूर्व ही मात्र दो करोड़ रुपये में बैनामा कराया था।
आरोप लगाने वाले राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित : चंपत
ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने कहा है कि आरोप लगाने वाले लोग राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित हैं। चंपतराय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंदिर के पूर्व व पश्चिम भाग में निर्माणाधीन परकोटा व रिटेनिग वाल के लिए परिसर से लगे कुछ मंदिरों एवं स्थानों को परस्पर सहमति से क्रय किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में विस्थापित होने वाले प्रत्येक संस्थान या व्यक्ति का पुनर्वास किया जाएगा। पुनर्वास के लिए भूमि का चयन संबंधित पक्ष की सहमति से किया जा रहा है। बाग बिजेसी, अयोध्या स्थित 1.20 हेक्टेयर भूमि इसी प्रक्रिया के अंतर्गत पूरी पारदर्शिता से क्रय की गई है। इस भूमि के संबंध में 2011 से वर्तमान विक्रेताओं के पक्ष में 2011, 2017 व 2019 में अनुबंध संपादित हुआ। यह भूखंड ट्रस्ट को अनुकूल लगा।