इंदौर। सरकार ने जिसको देव स्थानों की धरोहर का पहरेदार बनाया, जिसको देखभाल का जिम्मा सौंपा, वही सरकार बनकर धरोहर को बेचता रहा। पुष्कर से लेकर रामेश्वरम और फिर हरिद्वार तक मंदिर, धर्मशालाएं और घाट बिकते रहे, लेकिन सरकार बेखबर बनी रही। यह हकीकत है उस खासगी ट्रस्ट की जो 37 साल से मध्यप्रदेश सरकार और जनता की उस धरोहर को बेचता रहा, जिसका गठन ही इन संपत्तियों की देखरेख के लिए हुआ था।
उच्च न्यायालय के हाल के फैसले से उम्मीद जागी है कि यह संपत्तियां ट्रस्ट की न होकर शासन की ही हैं, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि धार्मिक, सांस्कृतिक और सार्वजनिक उपयोग की इन संपत्तियों पर अब भी अवैध कब्जे जारी हैं। शासन की रिपोर्ट और नईदुनिया की पड़ताल में सामने आया है कि वृंदावन (मथुरा), इलाहाबाद और नासिक में भी सरकार की संपत्तियों पर अवैध कब्जे हो चुके हैं।
मध्य प्रदेश में ही ओंकारेश्वर, महेश्वर, इंदौर, हातोद में खासगी ट्रस्ट की देखरेख वाले शासकीय मंदिरों, तालाबों और जमीन पर कब्जे और निर्माण हो रहे हैं। धरोहर का वास्तविक स्वरूप ही खत्म हो रहा है। देशभर में ट्रस्ट की 240 संपत्तियां हैं, जिनको सरकार ने नहीं संभाला तो एक-एक कर हाथ से जाती रहेंगी।
37 साल पहले शुरू हुआ धरोहर बिकने का सिलसिला
- शासन में निहित खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों के बिकने का सिलसिला करीब 37 साल पहले 1983-84 में पुष्कर से शुरू हो चुका था। वहां बाड़ा और दुकानों समेत तीन संपत्तियां बेच दी गईं।
- रामेश्वरम में भी ट्रस्ट के कर्ताधर्ताओं ने अहिल्याबाई होलकर द्वारा निर्मित तीन संपत्तियां बेच डाली। इन संपत्तियों की बिक्री 2006 से 2008 के बीच हुईं।
- हरिद्वार में वर्ष 2009-10 में होलकर बाड़ा, मंदिर और कुशावर्त घाट की संपत्तियों को बेचा गया। वर्ष 2012 में मध्य प्रदेश सरकार के संज्ञान में यह मामला आया।
- इंदौर जिले के हातोद में बिल्केश्वर महादेव मंदिर, राम मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जे और निर्माण हो गए। रुक्मिणी कुंड के आसपास दीवार बनाकर इसे भी बंद कर दिया है।
- देवी अहिल्याबाई होलकर ने हातोद में 52 बावड़ियां बनवाई थीं। इनमें से अघिकांश का नामोनिशान मिटा दिया गया है।
- देपालपुर में मंगलेश्वर महादेव मंदिर की जमीन पर कब्जा हो चुका है। यहां एक निजी कॉलोनी कटने की खबर है।
- महेश्वर में पहाड़ी पर कालेश्वर महादेव मंदिर की जमीन पर भी अवैध कब्जा हुआ है। पहाड़ी के नीचे एक व्यक्ति ने होटल बना लिया है।