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भूलकर भी इन जगहों पर न रखें Mobile, वरना हो सकती है गंभीर बीमारियां

नई दिल्ली। आज लगभग हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन है और मोबाइल टेक्नोलॉजी ने आमजीवन में कई सुख सुविधाएं भी बढ़ा दी है। लेकिन जिस प्रकार हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसके प्रकार मोबाइल टेक्नोलॉजी के कुछ नुकसान भी हैं, जिन्हें जान लेना बहुत जरूरी है अन्यथा आगे चलकर बढ़ा समस्या हो सकती है। दरअसल स्मार्टफोन से निकलने वाला रेडिएशन लोगों के स्वास्थ्य को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाता है। मोबाइल रेडिएशन का सबसे पहले प्रभाव आंखों में जलन व नींद न आने जैसी समस्या के रुप में दिखाई देता है। इस मुद्दे को लेकर भी विशेषज्ञों का मानना हैं कि फोन गलत जगह पर रखने से भी लोग बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। आइए जानते कि आखिर ऐसी कौन-कौन सी जगह है, जहां मोबाइल रखना स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है।

रात में सोते समय भूलकर भी तकिये के नीचे न रखें मोबाइल

कई लोग रात में सोते समय अपना मोबाइल तकिये के नीचे रखकर सो जाते हैं। ऐसा कभी भी नहीं करना चाहिए क्योंकि फोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से सिर दर्द की समस्या हो सकती है। साथ ही चक्कर आने जैसी समस्या भी हो सकती है। डॉक्टर्स का मानना हैं कि फोन से निकलने वाली रेडिएशन इंसान के लिए काफी हानिकारक होती है।

पीछे की जेब में भी कभी न रखें मोबाइल

कई लोगों को आदत होती है कि अपना मोबाइल फोन पैंट की पीछे की जेब में रख लेते है। ऐसा करना में मेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक उचित नहीं है क्योंकि क्योंकि ऐसा करने से फोन टूटने या चोरी होने खतरा बढ़ जाता है। साथ ही पैरों की नसों पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे आपके पैरो में दर्द हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक पीछे की जेब में मोबाइल रखने से साइटिका नर्स दबने से पैरों में दर्द हो सकता है। वहीं सिंपलमॉस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर Orly Avitzur का कहना है कि फोन को पीछे की जेब में रखने से पीठ में दर्द की शिकायत हो सकती है। रीढ़ की हड्डी में दर्द बढ़ सकता है।

बच्चों के पास मोबाइल रखना खतरनाक

center4research के शोध में दावा किया गया है कि छोटे बच्चों के पास फोन रखना खतरे से खाली नहीं है। वह हाइपरएक्टिविटी और डिफिसिट डिसऑर्डर जैसी खतरनाक बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। दूसरी तरफ विशेषज्ञों का मानना हैं कि फोन से निकलने वाली रेडिएशन से छोटे बच्चों के मस्तिष्क को बहुत नुकसान पहुंचाती हैं। उनकी याददाश्त कमजोर होती है और बचपन में पढ़ाई के दौरान भी ग्राह्य क्षमता कम हो जाती है।

 बात करते समय रखें ये सावधानी

फोन पर बात करने के दौरान मोबाइल डिवाइस को काम से बिल्कुल भी चिपकाकर बात नहीं करना चाहिए। मोबाइल को कान से कम से कम 0.5 से 1.5 सेंटीमीटर दूर रखना चाहिए। ऐसा करने से फोन की स्क्रीन पर मौजूद बैक्टीरिया त्वचा के संपर्क में नहीं आते हैं और इसके अलावा कॉलिंग के दौरान मोबाइल का रेडिएशन ज्यादा रहता है, जो नुकसानदायक होता है। कॉलिंग के दौरान इयरफोन का भी इस्तेमाल करना ज्यादा उचित होता है।

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