Oximeter App Alert: digi desk/BHN/ कोरोनाकाल में ऑक्सीमीटर की बढ़ती मांग को देखते हुए कई ऑक्सीमीटर एप तैयार किए गए थे। ये ऑनलाइन ऐप आपका ऑक्सीजन लेवल चेक करने का दावा करते हैं। इस बीच साइबर अपराधियों ने इंटरनेट पर फेक ऑक्सीमीटर एप के कई लिंक शेयर किए हैं। इन एप के जरिए ये हैकर्स यूजर्स के फिंगरप्रिंट डेटा के जरिए डिवाइस से बैंक डिटेल्स निकालकर उसका बैंक अकाउंट खाली कर सकते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि इन एप की पहचान कैसे करें।
ऐसे एप कई मामलों में गलत रीडिंग भी दे सकते हैं। ऐसे में मरीज की हालत सही होने पर भी वह घबरा जाता है और उसकी तबियत बिगड़ जाती है। इसके साथ ही ये एप आपके मोबाइल से डेटा भी चोरी कर सकते हैं। यह ऐप साइबर अपराधियों के लिए एक नया हथियार बन गया है। इसलिए, पुलिस नागरिकों को इससे दूर रहने का निर्देश दे रही है।
बैंक अकाउंट खाली होने का खतरा
फेक ऑक्सीमीटर एप किसी व्यक्ति के फोन लाइट, कैमरा और फिंगरप्रिंट स्कैन के माध्यम से ऑक्सीजन के स्तर की जांच करने का दावा करते हैं। ये एफ यूजर्स के फोन में बैंक डिटेल्स, कॉन्टैक्ट, फोटो और दूसरी फाइलों तक पहुंच के लिए भी पूछ रहे है। इन फाइलों के जरिए हैकर्स आपके खाते तक पहुंच सकते हैं और मौका मिलते ही पूरा पैसा लूट सकते हैं।
कैसे करें फेक ऑक्सीमीटर एप की जांच
- 1. साइबर हैकर आमतौर पर गलत अंग्रेजी का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए सबसे पहले आपको ऑक्सीमीटर एप की स्पेलिंग चेक करनी है।
- 2. एप के रिव्यू और रेटिंग भी फेक हो सकती है। ऐसे में कम रेटिंग वाले रिव्यू पर ध्यान दें।
- 3. किसी भी थर्ड पार्टी एप को डाउनलोड करने से बचें। खासकर लिंक शेयर करने वाले एप कतई न डाउनलोड करें। ऐसे एप सुरक्षा के मानकों का ख्याल नहीं रखते हैं और कई हानिकारक फाइलों और वायरस के लिए आपके फोन में जगह बनाते हैं।