Toolkit case: digi desk/BHN/ टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ट्विटर इंडिया (Twitter India) के दो ऑफिसों पर छापा मारा, लेकिन वहां कोई नहीं मिला और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। वैसे दिल्ली पुलिस के मुताबिक उनकी टीम सिर्फ ट्विटर इंडिया को नोटिस देने के लिए उसके दफ्तरों में गई थी। वो जानना चाहते थे कि नोटिस देने के लिए सही व्यक्ति कौन है और इस बारे में किससे पूछताछ की जा सकती है। स्पेशल सेल की दो टीमें दिल्ली में लाडो सराय और गुरुग्राम में डीएलएफ स्थित ट्विटर इंडिया के कार्यालयों में रात साढ़े 8 बजे पहुंची थीं। लेकिन वहां पुलिस को कोई भी वरिष्ठ अधिकारी नहीं मिला।
दिल्ली पुलिस के जन संपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि स्पेशल सेल ने ‘कोविड-19 टूलकिट’ संबंधी शिकायत को लेकर ट्विटर को नोटिस भेजा है। इसमें कंपनी से भाजपा नेता संबित पात्रा के ट्वीट को ‘भ्रमित करने वाला’ बताने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि ट्विटर के पास कुछ ऐसी सूचना है जो दिल्ली पुलिस के पास नहीं है और यह जानकारी जांच से जुड़ी हुई है। पुलिस ने हालांकि शिकायत की विषयवस्तु या शिकायतकर्ता की पहचान सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया।
क्या है मामला?
कुछ दिनों पहले बीजेपी नेता संबित पात्रा ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने एक टूलकिट बनाकर इसमें COVID-19 के नए स्ट्रेन को ‘इंडियन’ वेरिएंट या ‘मोदी स्ट्रेन’ के रूप में संदर्भित करने का निर्देश दिया था और इस तरह देश तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करने का प्रयास किया। हालांकि, कांग्रेस ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि भाजपा उसे बदनाम करने के लिये फर्जी ‘टूलकिट’ का सहारा ले रही है। उधर ट्विटर ने संबित पात्रा के इससे संबंधित ट्वीट्स को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ की श्रेणी में डाल दिया। इसी बात को लेकर दिल्ली पुलिस ने जांच शुरु कर दी और ट्विटर को नोटिस भेजकर जवाब मांगा कि ऐसा लेबल लगाने के पीछे क्या आधार और क्या जानकारी है, इसे ट्विटर साझा करे। वैसे ट्विटर इंडिया के एमडी ने इसका जवाब भेजा था, लेकिन दिल्ली पुलिस इस जवाब से संतुष्ट नहीं है।
दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई के बाद विपक्ष और ज्यादा हमलावर हो गया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को ‘रेड राज’ बताया है। वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। अखिलेश यादव ने लिखा है, ‘ट्विटर के दिल्ली और गुरुग्राम के ऑफिस पर छापा मरवाना एक अलोकतांत्रिक व घोर निंदनीय कृत्य है।”