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नवागत एसपी ने एसआईटी गठित करने का दिया भरोसा, बाहर के अधिकारी करेंगे जांच, बेटी या पत्नी को आंगनबाड़ी में नौकरी दिये जाने का आश्वासन
सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़। सिंहपुर थाने के लाकअप में दरोगा विक्रम पाठक की सर्विस रिवाल्वर से कथित तौर पर चोरी के संदेही राजपति की मौत से मचा घमासान तीन दिन बाद थमने के संकेत मिल रहे हैं। एक करोड़ के मुआवजे और आरोपी दरोगा पर हत्या का मामला दर्ज किये जाने की मांग पर अड़े परिजनों एवं सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा द्वारा समूचे प्रकरण में चलाये जा रहे सियासी घमासान का पटाक्षेप बुधवार की दोपहर हो गया। इसके पूर्व जिला कलेक्टर अजय कटेसरिया ने मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये का चेक सौंपा। इस राहत राशि की घोषणा बढ़ते बवाल के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। बुधवार की सुबह से ही प्रशासनिक अमला इस बात के लिए लगातार इस बात की कोशिश कर रहा था कि 72 घंटे से रखे शव का अंतिम संस्कार उसके परिजनों द्वारा ही किया जाये। नवागत एसपी धरमवीर सिंह एवं कलेक्टर अजय कटेसरिया समेत पूरा प्रशासनिक अमला परिजनों से सतना व नारायणपुर गांव में संपर्क साधने में जुटा रहा। अंतत: दोपहर कामयाबी मिली और कलेक्टर ने जहां मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये का चेक सौंपकर खराब हो रहे शव का अंतिम संस्कार करने की अपील की वहीं नवागत एसपी ने परिजनों समेत सतना विधायक को इस बात का भरोसा दिया कि पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन होगा और बाहर के अधिकारी मामले की जांच करेंगे। कलेक्टर ने यह भी भरोसा दिलाया कि मृतक की पत्नी या बेटी को आंगनबाड़ी में नौकरी दिलवाने की हर संभव कोशिश की जायेगी। इसके बाद मृतक के परिजन शव को लेने और उसका अंतिम संस्कार करने को राजी हो गये।
गांव वालों ने प्रशासन से किया था अनुरोध, खुद करा दे अंतिम संस्कार
उल्लेखनीय है कि रविवार को सिंहपुर थाने में संदेही की कथित हत्या के बाद मचा बवाल चार दिन से जारी था। घटना के बाद शव का रीवा मेडिकल कालेज में पोस्टमार्टम कराया गया था। इसके बाद रात भर शव रीवा में रखा गया। मंगलवार की दोपहर शव रैगांव चौकी अंतर्गत नारायणपुर गांव पहुंचा दिया गया था। बाद में पूरी घटना ने सियासी मोड़ ले लिया और मृतक का शव तीसरे दिन भी उसके घर के बाहर एंबुलेंस में पड़ा रहा। मृतक के परिजन घर में ताला लगा कर कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाह के घर पहुंच गये। इसके बाद वे अड़े रहे कि आरोपी दरोगा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हो तथा उसकी गिरफ्तारी की जाये। मंगलवार को प्रशासन ने उम्मीद जताई थी कि शव का अंतिम संस्कार उसके परिजन कर देंगे, परंतु बात नहीं बनी, सियासी दबाव के चलते परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया। लिहाजा एंबुलेंस में रखे शव से दुर्गन्ध फैलने लगी। जब इस बात की शिकायत ग्रामीणों ने प्रशासन से की तो प्रशासन ने न्यायिक मजिस्ट्रेट से शव के अंतिम संस्कार की अनुमति मांगी। जिसे न्यायिक मजिस्ट्रेट ने स्वीकार करते हुए स्वीकृति दे दी। प्रशासन चाहता था कि शव का अंतिम संस्कार उसके परिजन ही करें ताकि ग्रामीणों का आक्रोश कम हो और क्षेत्र में शांतिभंग ना हो। अंतत: बुधवार की दोपहर परिजन मान गये और शव का अंतिम संस्कार करने पर राजी हो गये।
बुधवार की सुबह जिले में आमद देने के बाद एसपी सतना धर्मवीर सिंह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के साथ मृतक के गांव पहुंचे यहां उन्होंने हालात का न केवल जायजा लिया बल्कि एक बार पुनः सतना कंट्रोल रूम पहुंचकर परिवार को मनाने की रणनीति बनाते नजर आए। उधर पुलिस अब भी इसे आत्महत्या बता रही है। मृतक के परिजन की शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई। हेड कांस्टेबल की शिकायत पर सिंहपुर थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार मृतक राजपति कुशवाहा ने खुद को गोली मार की आत्महत्या।
सिंहपुर थाने में दर्ज़ एफआईआर जिसमे पुलिस अभी भी संदेही द्वारा आत्महत्या किये जाने की बात कह रही है
इनका कहना है
विधायक की नही मानी जा सकती मांग
पूरे मामले की न्यायिक जांच हो रही है ऐसे में परिजनों एवं सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा द्वारा की जा रही मांग नहीं मानी जा सकती है उनके द्वारा 302 का मामला पंजीबद्ध करने की बात की जा रही है साथ ही सिंहपुर थाना प्रभारी रहे उपनिरीक्षक पाठक की गिरफ्तारी की माग की जा रही है जो कि जांच प्रक्रिया पूरी होने से पहले संभव नहीं हैं।
अनिल कुशवाह, डीआईजी