MP Education News: digi desk/BHN/ भोपाल/ कोरोना के कहर के कारण इस साल भी प्रदेश के करीब आठ लाख बच्चे प्राथमिक शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। इसका कारण यह है कि प्रदेश के 40 हजार मप्र बोर्ड से संबंधित निजी स्कूलों में नर्सरी व केजी की कक्षाओं में एडमिशन नहीं हो पाएंगे। पिछले साल भी कोरोना के कारण मप्र के पहली से आठवीं तक के स्कूल नहीं खुल पाए थे। ऐसे में निजी स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी। इस साल भी स्कूल खुलने की संभावना कम है।
मप्र बोर्ड के निजी स्कूलों में प्रायमरी कक्षाओं में ऑफलाइन प्रक्रिया के तहत एडमिशन लिए जाते हैं। इस कारण इस बार भी स्कूल नहीं खुलने के कारण एडमिशन प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाएगी। वहीं सीबीएसई स्कूलों में जनवरी से नए सत्र के एडमिशन शुरू हो जाते हैं। इसके चलते राजधानी के सहोदय ग्रुप के सभी स्कूलों में जनवरी और फरवरी में 15 से 20 प्रतिशत एडमिशन हुए हैं। वहीं स्कूल बंद होने से एडमिशन प्रक्रिया रोक दी गई है। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने मांग की है कि पिछले साल भी नर्सरी में बच्चों का एडमिशन नहीं हो पाया। इस बार भी कोरोना के कारण स्कूल बंद है। इस कारण बीच सत्र में भी एडमिशन प्रक्रिया जारी रखा जाए।
अनिश्चितता के चलते नहीं हो रहे एडमिशन
सीबीएसई स्कूलों ने जनवरी-फरवरी में ऑफलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू की थी। फरवरी के बाद कोरोना के मामले बढ़ने लगे और लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद कर दिए गए। ऐसे में इन स्कूलों में ऑनलाइन पोर्टल खोलकर प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन अभिभावकों ने बच्चे का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया। इसके पीछे अनिश्चतता की स्थिति है। पहली आशंका तो यह कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए आगे स्कूल लगेंगे भी कि नहीं। इसके अलावा सीबीएसई स्कूलों की मोटी फीस के कारण भी इस साल सीटें खाली हैं।