Many telecom companies get permission to test 5-g spectrum trial:digi desk/BHN/ देश में जल्द ही 5G सर्विसेस के लिए ट्रायल शुरु हो जाएंगे। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन और भारत सरकार ने टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को 5G ट्रायल्स की परमिशन दे दी है। कुल 13 कंपनियों को परमीशन मिली है, जिनमें भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन-आइडिया और MTNL शामिल हैं। खास बात ये है इनमें एक भी चीनी कंपनी नहीं है। टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने साफ कहा है कि उन्होंने चीनी वेंडर्स को ट्रायल्स से दूर रखा है। पिछले काफी समय से 5G की चर्चा चल रही थी और कई मोबाइल कंपनियों ने अपने 5G फोन भी इंडिया में लॉन्च कर दिये हैं।
जिन टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को ट्रायल्स की अनुमति मिली है, उन्होंने इसके लिए ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स और टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर्स यानी एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और C-DOT के साथ साझेदारी कर रखी है। वहीं रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड ने खुद की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की बात कही है। रिलायंस जियो ने कहा है कि वे एक स्वदेशी 5G नेटवर्क विकसित करेंगे और ये भारत में ही डेवलप किया जाएगा, जो पूरी तरह मेड इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पर आधारित होगा। वहीं एयरटेल ने हैदराबाद में कमर्शियल नेटवर्क पर एक सफल 5G टेस्टिंग की पुष्टि की थी और कहा था कि उनका नेटवर्क 5जी तैयार है।
फिलहाल ट्रायल्स के लिए 6 महीने का समय दिया गया है। इसमें उपकरणों की खरीद और स्थापना के लिए 2 महीने का समय भी शामिल है। सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि हर टेलिकॉम कंपनी को शहरी सेटिंग्स के अलावा ग्रामीण और अर्ध-शहरी सेटिंग्स में भी टेस्टिंग करनी होगी ताकि देश भर में सभी लोगों को 5G टेक्नोलॉजी का लाभ मिले और यह केवल शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित न रह जाए।
आपको बता दें कि पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के 34 देशों के 378 शहरों में 5G नेटवर्क उपलब्ध हैं। इनमें से दक्षिण कोरिया के 85 शहरों में, चीन के 57 शहरों में, अमेरिका के 50 और यूके के 31 शहरों में 5G सर्विस पहले से मौजूद है। ऐसे में जब सरकार अपने मेक इन इंडिया अभियान के साथ भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने पर जोर दे रही है, उन्हें 5G नेटवर्क के विस्तार में तेजी लानी होगी।