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मुख्यमंत्री 4 मई को 17 हजार श्रमिकों के खाते में करेंगे 379 करोड़ रूपये अंतरित

संबल योजना के हितग्राही होंगे लाभान्वित

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 4 मई को जन-कल्याण संबल योजना में लगभग 17 हजार असंगठित श्रमिक परिवारों के बैंक खाते में 379 करोड़ रूपये सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित करेंगे। सहायता राशि वितरण के इस वर्चुअल कार्यक्रम में श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

संबल योजना प्रदेश के श्रमिक परिवारों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के साथ परिवारों को आधार प्रदान करने वाली योजना है। इस योजना के अन्तर्गत श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों की दुर्घटना मृत्यु पर 4 लाख रूपये की राशि उनके आश्रितों को प्रदान की जाती है। इसी तरह सामान्य मृत्यु तथा स्थायी अपंगता पर श्रमिक परिवारों को दो-दो लाख रूपये की अनुग्रह राशि मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना में दी जाती है।

योजना में आंशिक स्थायी अपंगता पर एक लाख रूपये उपलब्ध कराने और अन्त्येष्ठि सहायता के रूप में 5 हजार रूपये दिये जाने का प्रावधान भी हैं। मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना असंगठित क्षेत्र के गरीब श्रमिक परिवारों के लिए संबल प्रदान करने का कार्य कर रही है। योजना प्रारंभ होने से अब तक प्रदेश के 2 लाख 28 हजार हितग्राहियों को 1907 करोड़ रूपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है। पिछले वित्तीय वर्ष में कोरोना महामारी जैसी विषम परिस्थितियों में भी 72 हजार से अधिक हितग्राहियों के बैंक खाते में 582 करोड़ रूपये हितलाभ वितरित किये गये थे।

मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना 2018 में शुरू की गई थी। इसमें असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के जरूरतमंद परिवारों को बच्चे के जन्म के पहले से लेकर पूरे जीवनकाल में मदद दी जाती है। इसमें हाथ ठेला चलाने वाले लोगों से लेकर कबाड़ इकट्ठा करने वाले गरीबों, घरों में काम करने वालों, पत्थर तोड़ने वालों को मदद मिलती है। प्रदेश के ऐसे लाखों गरीब परिवारों के लिये संबल योजना सहारा बनी है।

मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन के लिये मिलेगी विशेष वित्तीय सहायता

राज्य शासन ने प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की क्षमता वृद्धि के लिये प्रोत्साहन हेतु इकाईयों को विशेष वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन के प्रमुख सचिव श्री संजय कुमार शुक्ल ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के सचिव, मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध संचालक तथा सभी कलेक्टरों को सूचित किया है।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ल ने बताया कि प्रदेश में पात्र इकाई जिनकी उत्पादन क्षमता न्यूनतम 10 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा ऑक्सीजन उत्पादन की होगी, को यंत्र एवं संयंत्र तथा भवन (भूमि एवं रिहायशी इलाकों को छोड़कर) में किये गये पूंजी निवेश पर 50 प्रतिशत की स्थिर दर से मूल निवेश प्रोत्साहन सहायता देय होगी। उक्त सहायता की अधिकतम सीमा 75 करोड़ रूपये होगी। पात्र इकाईयों को प्रचलित विद्युत टेरिफ पर 1 रूपये प्रति यूनिट की छूट दी जायेगी। उक्त छूट एमपीईआरसी द्वारा दी जा रही छूट, यदि कोई हो, के अतिरिक्त 1 रूपये प्रति यूनिट होगी।

इसकी प्रतिपूर्ति एमएसएमई या एमपीआईडीसी द्वारा पात्र इकाईयों को की जायेगी। इस सुविधा का लाभ वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ दिनांक से 3 वर्ष की अवधि के लिये प्राप्त हो सकेगा। प्रमुख सचिव श्री शुक्ल ने सभी कलेक्टरों से कहा है कि प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की उत्पादकता बढ़ाने के लिये अपने जिले में स्थित ऑक्सीजन उत्पादक इकाईयों, ऑक्सीजन उपकरण निर्माता इकाईयों, बड़े निजी अस्पतालों एवं इच्छुक उद्यमियों को मेडिकल ऑक्सीजन की उत्पादक इकाईयाँ स्थापित करने के लिये प्रेरित करें।

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