सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ एक ओर भयावह रूप लेती कोरोना संक्रमण की महामारी और दूसरी ओर कम पड़ते अस्पताल के संसाधन। कुछ ऐसा हाल पूरे देश के अस्पतालों में है लेकिन सतना के जिला अस्पताल की हकीकत कुछ और ही है। यहां पूर्व से चार वेंटीलेटर की व्यवस्था थी जो कि कोरोना काल में और बढ़ने की बजाए और कम हो गई है। अब यहां मात्र एक वेंटीलेटर के सहारे शहर की लाखोँ आबादी टिकी है। वर्तमान में जिला अस्पताल में चार वेंटीलेटर हैं इनमें से दो अनुपयोगी हैं जबकि एक वेंटीलेटर खराब हालत में पहले से पड़ा है। बचा हुआ एक वेंटीलेटर भगवान भरोसे काम कर रहा है जो कि 15 लीटर से कम आक्सीजन फ्लो पर बंद हो जाता है। वहीं प्रशासन का दावा है कि छह वेंटीलेटर और मंगाए गए हैं लेकिन वह कब तक आएंगे इसके बारे में कोई नहीं कहना चाहता।
मंत्री, सांसद भी कर रहे निरीक्षण फिर भी दयनीय हालतः जिला अस्पताल में वेंटीलेटर की जो व्यवस्था है वह दयनीय स्थिति में है। यहां सब भगवान भरोसे चल रहा है। बीते दो सप्ताह से रोजाना जिला अस्पताल का कोई ना कोई अधिकारी निरीक्षण कर रहा है। इसी तरह जिले के कोरोना रोकथाम प्रभारी व राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल, सांसद गणेश सिंह सहित कलेक्टर अजय कटेसरिया, सीएमएचओ डॉ. अशोक अवधिया भी रोजाना निरीक्षण करने पहुंच रहे हैं लेकिन उनके सामने भी यह हकीकत होने के बाद भी तत्काल रूप से वेंटीलेटर की व्यवस्था कोई नहीं करा पा रहा है। करोड़ों रुपये की संपत्ति और विधायक व सांसद निधि होने के बाद भी जिले के सबसे बड़े अस्पताल में कोरोना काल के दौरान एक वेंटीलेटर से काम चलाना कथनी और करनी में फर्क दिखा रहा है। अब केवल यह दावा किया जा रहा है कि जल्द छह नए वेंटीलेटर जिला अस्पताल को मिलेंगे लेकिन तब तक यह व्यवस्था भगवान भरोसे हैं।
कलेक्टर अजय कटेसरिया रोजाना जिले के अस्पतालों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा ले आवश्यक निर्देश दे रहे हैं। इतना ही नही दिन भर किए जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी भी वे सोशल मीडिया के माध्यम से स्वयं दे रहे है।