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Health alert:टाइफाइड में न करें मसालों और तेल, घी का सेवन, एक दिन में तीन लीटर गुनगुना पानी जरूर पीएं

Do not consume spices and oil and ghee in typhoid:digi desk/BHN/जबलपुर/  इन दिनों एक ओर कोरोना संक्रमण से लोग हैरान हैं तो वहीं टाइफाइड ने भी लोगों का स्वास्थ्य बिगाड़ रखा है। कई मरीजों के साथ तो कोरोना और टाइफाइड दोनों ही बीमारियां साथ- साथ चल रही हैं। ऐसे में अत्यधिक कमजोरी आ रही है। जिसे दवाओं के साथ बेहतर और पौष्टिक खान- पान से ही सुधारा जा सकता है। आहार और पोषण विशेषज्ञ स्मिता करन ने बताया कि कैसे खाने में कुछ बातों का ध्यान रखकर टाइफाइड की समस्या में आई कमजोरी को दूर किया जा सकता है।

मोतीझरा यानी टाइफाइड एक विशेष बैक्टीरिया सालमोनेला टाइफी के द्वारा फैलता है। जो दूषित खाने व पानी के द्वारा शरीर में प्रवेश करता है। बुखार, ठंड लगना, शरीर में दर्द, अत्यधिक कमजोरी, पेट दर्द और डायरिया इसके प्रमुख लक्षण हैं। बीमारी के रहने तक रोगी को खाने में तेल, घी, मख्खन व किसी भी तरह के मसाले का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

टाइफाइड से जल्दी रिकवरी के लिए यह डाइट लाभदायक है

लिक्विड डाइट

बुखार बने रहने पर रोगी को आरंभ के 3 से 5 दिन तक पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ जैसे सूप, फलों का रस, मूंग दाल की फीड, बादाम का दूध, नारियल का दूध, नारियल पानी, कस्टर्ड, शरबत, ग्लूकोस, इलेक्ट्रॉल, नींबू पानी तथा सादा गुनगुना पानी थोड़े-थोड़े समय पर देते रहे। पूरे दिन में पानी उबालकर गुनगुना करके 3 लीटर तक अवश्य पिलाएं।

सॉफ्ट डाइट

बुखार उतर जाने पर आरंभ के 3 से 5 दिन बाद, अगले 10 दिनों तक रोगी को केवल सॉफ्ट डाइट दें, जैसे सूजी की खीर, सूजी का उपमा, ओट्स, कॉर्न फ्लेक्स, धुली मूंग दाल, बिस्किट, ब्रेड, सत्तू, साबूदाना, आलू, केला, खरबूज, तरबूज, बिना छिलके का सेब और पपीता शामिल करें।

हाई कैलोरी और हाई कार्बोस-

टाइफाइड में अत्यधिक कमजोरी आ जाती है इसके लिए रोगी को हाई कैलोरी डाइट की आवश्यकता होती है। रोगी को शहद, मीठे फल, फलों के रस, छेने की मिठाई, सुपाच्य ओट्स, साबूदाने की खीर, सूजी का हलवा, मूंग दाल की खिचड़ी, दूध के साथ बिस्किट, ब्रेड व रस्क आदि दे सकते हैं। 10 दिनों तक इस प्रकार सॉफ्ट डाइट देने के बाद धीरे-धीरे नॉर्मल डाइट आरंभ करें जिसमें दलिया, पतली रोटी, दाल व हरी सब्जियां आरंभ करें।

हाई प्रोटीन-

बुखार की वजह से शरीर में प्रोटीन की रिक्वायरमेंट संक्रमण की वजह से बढ़ जाती है इसलिए आसानी से पचने वाले प्रोटीन जैसे मूंग दाल, ताजा दही, डबल टोंड मिल्क, घर का बना पनीर, वे वाटर, छाछ, टोफू, कस्टर्ड, सूजी की खीर, आदि दें।

फल व सब्जियां-

टाइफाइड में फल व सब्जियां देते समय विशेष रूप से कम रेशे वाली सब्जियां सम्मिलित करें जैसे लौकी, तोरी, टिंडा, परवल, कददू, आलू, टमाटर आदि। फलों में पपीता, सेब, मौसमी, आलू बुखारा, बबुगोशा, खरबूज, तरबूज, लीची आदि दे। विशेष रुप से ध्यान दें कि ज्यादा फाइबर यानी रेशेदार सब्जियां व फल एवं कच्ची सलाद का इस्तेमाल नहीं करें।

एंटीऑक्सीडेंट्स-

शरीर की कोशिकाओं को अंदर से मजबूती प्रदान करने के लिए और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के लिए एंटी ऑक्सीडेंट देने से टाइफाइड के पेशेंट्स में रिकवरी बहुत तेजी से होती है। इसके लिए विशेष रुप से बादाम का दूध, नारियल का दूध, नारियल पानी, मखाने, खसखस, किशमिश जरूर इस्तेमाल करें।

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