Shani dev will be play the opposite from may 23:digi desk/BHN/भारतीय धर्मग्रंथों के अनुसार शनिदेव गुस्सैल स्वभाव के हैं और रुष्ठ होने पर बहुत कठोर दंड देते हैं। यही वजह है कि शनि का नाम सुनते ही अधिकतर लोग डर जाते हैं। हालांकि, शनिदेव जिस पर मेहरबान हो जाते हैं उसका भाग्य चमक जाता है। ऐसे व्यक्ति की दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की होती है। 23 मई से शनिदेव व्रकी होने जा रहे हैं। इसका मतलब है कि उनकी चाल उल्टी हो जाएगी। ऐसी स्थिति में शनिदेव खुद पीड़ित हो जाते हैं और शुभ फल नहीं दे पाते।
23 मई 2021 रविवार की दोपहर 02.50 मिनट पर शनि वक्री होकर उल्टी चाल चलने लगेंगे। करीब 5 महीने तक उल्टी चाल चलने के बाद 11 अक्टूबर 2021 को शनि फिर से मार्गी होंगे या सीधी चाल चलेंगे। शनि एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक गतिशील रहते हैं। इस वजह से इस साल शनिदेव राशि परिवर्तन नहीं करेंगे।
इन राशियों पर सबसे ज्यादा प्रभाव
धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस राशि पर शनि दी साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है उन्हें शनि की उल्टी चाल के दौरान सबसे ज्यादा सावधान रहना चाहिए। शनि की उल्टी चाल का सबसे ज्यादा प्रभाव भी इन तीनों राशियों पर पड़ेगा। इन तीनों राशि के जातकों को शनि की उल्टी चाल के दौरान कोई नया काम नहीं शुरू करना चाहिए और साथ ही धन निवेश से भी बचना चाहिए।
मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है। इन्हें भी अगले 6 महीने सावधान रहने की जरूरत है। शनि की उल्टी चाल के दौरान इन 2 राशि के लोगों को मानसिक तनाव हो सकता है। साथ ही जीवन में उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। संभव है कि कई बार बहुत ज्यादा मेहनत करने के बाद भी आपको सफलता न मिले।
क्या हैं उपाय
शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा करें और कोई भी गलत काम न करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें और भगवान शिव की भक्ति करें। शनि मंत्रों का जाप करें, शनि से जुड़ी चीजों का दान करें, बुजुर्गों का सम्मान करें। इसके साथ ही पीपल के पेड़ के पास दिया जलाएं।