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Satna: बरगी व्यपवर्तन की नागौद शाखा नहर के निर्माण कार्यों में तेजी लायें, राज्यमंत्री ने की नर्मदा घाटी विकास के निर्माण कार्यों की समीक्षा


सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने कहा कि बरगी व्यपवर्तन की नागौद शाखा नहर और रीवा शाखा नहर सतना और मैहर जिले के किसानों के लिए महत्वपूर्ण जीवन दायिनी योजना है। शाखा नहर निर्माण के लिए भू-अर्जन का कार्य शीघ्रतापूर्वक पूर्ण कर संरचनात्मक और नहर निर्माण के कार्यों में तेजी लायें। राज्यमंत्री श्रीमती बागरी शुक्रवार को सर्किट हाउस सतना में जिला प्रशासन के राजस्व अधिकारी नर्मदा घाटी विकास विभाग के अधिकारी और निविदाकारों की बैठक में निर्माण कार्यों की समीक्षा कर रही थी। इस अवसर पर कलेक्टर अनुराग वर्मा, अपर कलेक्टर मैहर शैलेन्द्र सिंह, एसडीएम एपी द्विवेदी, जीतेन्द्र वर्मा, राहुल सिलाडिया, सुधीर बेक, आरएन खरे, एलआर जांगडे, विकास सिंह, आरती यादव, कार्यपालन यंत्री नर्मदा घाटी विकास अजय सिंह परिहार, श्री भगत, आरके राय भी उपस्थित थे।
बरगी व्यपवर्तन योजना में नागौद शाखा नहर की समीक्षा में बताया गया कि आरडी 33.300 किमी से 55.600 किमी तक की नहर की रूपांकित सिंचाई क्षमता 15 हजार 865 हेक्टेयर है। कार्यकारी एजेंसी एलसीसी प्रोजेक्ट अहमदाबाद द्वारा 169.69 करोड की राशि से कार्य कराया जा रहा है। कार्य पूर्ण होने की तिथि जुलाई 2025 है। कार्य की प्रगति 70 प्रतिशत है। आरडी 55.600 किमी से 83 किमी तक का पैच 225 करोड 64 लाख रूपये की लागत से मे. आफ शोर इन्फ्रास्ट्रक्चर मुम्बई द्वारा कराया जा रहा है। सिंचाई क्षमता 17550 हेक्टेयर है। आरडी 83 किमी से 113 किमी का पैच सारथी कन्स्ट्रक्शन कम्पनी ग्वालियर द्वारा 177 करोड 76 लाख रूपये से कराया जा रहा है। जिसकी रूपांकित सिंचाई क्षमता 14424 हेक्टेयर है। इन दोनों निर्माण कार्यों की कम्पलीशन डेट जुलाई 2025 रखी गई है। आरडी 113 किमी से 131 किमी के पैच में फलौदी कन्स्ट्रक्शन इन्दौर द्वारा 312 करोड 88 लाख की लागत से निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिसकी रूपांकित सिंचाई क्षमता 31827 हेक्टेयर है। निर्माण कार्य को मई 2026 तक पूर्ण कराया जायेगा।
इसी प्रकार मैहर जिले से संबंधित रीवा शाखा नहर के बारे में बताया गया कि आरडी 0 किमी से 24 किमी तक 229 करोड 27 लाख रूपये से राजकुमार बिल्डर्स इन्दौर द्वारा कार्य कराया जा रहा है। जिसकी सिंचाई क्षमता 2400 हेक्टेयर है। आरडी 24 किमी से 33 किमी तक 195 करोड 99 लाख रूपये से फलौदी कन्स्ट्रक्शन इन्दौर द्वारा कार्य किया जा रहा है। इसकी सिंचाई क्षमता 22862 हेक्टेयर है। आरडी 33 किमी से 39 किमी तक के पैच का निर्माण फलौदी कन्स्ट्रक्शन द्वारा 256 करोड 49 लाख रूपये से कराया जा रहा है। सिंचाई क्षमता 19832 हेक्टेयर है।
रीवा शाखा शहर की पूर्णता अवधि दिसंबर 2025 रखी गई है। इन सभी निर्माण कार्यों में भू-अर्जन का काम प्रगति पर है। निर्माण कार्यों में संरचनात्मक कार्य किये जा रहे है। नहरों की खुदाई का कार्य अपेक्षाकृत धीमी गति से चल रहा है। बरगी व्यपवर्तन परियोजनायें आरडी 104 किमी से 116 किमी तक स्लीमनाबाद टनल का कार्य कटनी जिले में चल रहा है। जिसकी लम्बाई 11.95 किमी है। जानकारी के अनुसार 10.82 किमी टनल का निर्माण हो चुका है। शेष 1.129 किमी की टनल का निर्माण होने पर सतना और मैहर जिले में सिंचाई का पानी मिलेगा।
राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने कहा कि नहरों के एलाइनमेंट में किसी भी हाल में परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए। सुनिश्चित करें कि जब तक टनल का कार्य पूर्ण हो तब तक सतना जिले और मैहर जिले की नहरों और वितरण नलिकाओं का कार्य पूर्ण हो जाये। उन्होंने कहा कि भू-अर्जन के बाद कार्य के लिए जमीन प्राप्त करने में कही समस्या आ रही हो तो उसे संबंधित क्षेत्र के एसडीएम के ध्यान में लायें। मौके पर लाइन डाने के समय नर्मदा घाटी विकास और राजस्व विभाग के राजस्व निरीक्षक या पटवारी मौके पर उपस्थित रहे तो समस्या नहीं होगी। नहरों के निर्माण का कार्य फास्ट ट्रैक आधार पर करें। भू-अर्जन के संबंध में कोई दिक्कत है तो नर्मदा घाटी विकास और राजस्व के अधिकारी समन्वय कर कठिनाई दूर कराये। राज्यमंत्री ने कहा कि सडकों पर जहां नहर निकालने पुल बनाये जा रहे हैं। वहां एप्रोच रोड और स्लोप का विशेष ध्यान रखे। नहर निर्माण के लिए जिन किसानों की जमीन अर्जित की गई है। उनसे व्यक्तिगत सूचना देकर आग्रह करें कि अधिगृहीत भूमि पर फसलों की बोनी नहीं करें। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि राजस्व विभाग के अधिकारी भू-अर्जन के कार्य तक ही सीमित नहीं रहें। बल्कि नहर का निर्माण तेजी से हो किसी प्रकार की रूकावट नहीं आये इसके लिए नर्मदा घाटी विकास विभाग का मैदानी स्तर पर हर संभव सहयोग करें। उन्होंने अधिकारियों से का कि भू-अर्जन की कार्यवाही होने के बाद अर्जित जमीन के खसरे में अपने विभाग का नाम अवश्य दर्ज करा लें। कलेक्टर ने एसडीएम को निर्देशित किया कि नहरों के निर्माण से संबंधित भू-अर्जन के धारा 11 के एवार्ड यदि लंबित हो तो शीघ्रता से निराकरण करें।

डीएपी के वैकल्पिक रूप एनपीके और जैविक खाद को दें प्रोत्साहन
नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ने ली बैठक

नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने कहा कि रबी मौसम में खाद की उपलब्धता को देखते हुए किसानों को डीएपी के विकल्प एनपीके और जैविक खाद को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि डीएपी खाद के उपयोग से अनेक साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं। किसानों को उनकी आवश्यकता और उपयोग के लिए उर्वरकों की सहज उपलब्धता के प्रयास किये जाये। राज्यमंत्री ने शुक्रवार को जिले में उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण की समीक्षा की। इस अवसर पर कलेक्टर अनुराग वर्मा, अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह, एसडीएम विकास सिंह, आरती यादव, एपी द्विवेदी, जितेन्द्र वर्मा, राहुल सिलाडिया, एलआर जांगडे, उप संचालक कृषि मनोज कश्यप, डीएमओ मार्कफेड नेहा तिवारी सहित सहकारिता के अधिकारी उपस्थित थे।
कृषि उप संचालक मनोज कश्यप ने बताया कि सतना और मैहर जिले में वर्ष 2024-25 में रबी सीजन के लिए 92356 मी. टन उर्वरक का लक्ष्य रखा गया। जिसमें 21340 मे. टन सहकारी क्षेत्र और 15085 मे. टन निजी क्षेत्र मिलाकर 36426 मे. टन का भण्डारण हुआ है। जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है। 19301 मे. टन यूरिया में से 9014 में. टन अभी भी उपलब्ध है। वितरण की स्थिति में सहकारी क्षेत्र में 16566 मे. टन, 5546 मे. टन मिलाकार 22112 मे. टन वितरण किया गया है जबकि यूरिया सहित 14314 मे. टन उर्वरक अभी उपलब्ध है। डीएपी 901 मे. टन अभी उपलब्ध है। जिले में डबल लॉक केन्द्रों और सहकारी निजी क्षेत्रों के विक्रय केन्द्रों में उपलब्ध खाद की मात्रा का दैनिक रूप से उपलब्धता की जानकारी मीडिया के माध्यम से प्रचारित की जा रही है। जिले में 157 पैक्स समितियों में से 147 पात्र है। जिनके माध्यम से 28 हजार किसान उर्वरक प्राप्त कर रहे हैं। राज्य शासन को एक रैक डीएपी, 2 रैक एनपीके की डिमाण्ड भेजी गई है। रामपुर और मझगवां ब्लाक में डबल लॉक केन्द्र संचालित नहीं है। बैठक में मझगवां, रामपुर मण्डी और रैगांव के सिंहपुर में डबल लॉक केन्द्र खोलने का निर्णय लिया गया है। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने उप संचालक कृषि को निर्देशित किया कि जिन विक्रय केन्द्रों पर उर्वरक उपलब्ध है। वहां अपने विभाग के कर्मचारी की उपस्थिति में खाद वितरण कराये। इसी प्रकार सभी एसडीएम, तहसीलदार अपने क्षेत्र के उर्वरक विक्रय केन्द्रों का सतत भ्रमण करें और व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग करें।

राज्यमंत्री ने सुनी आमजनों की समस्यायें

नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने शुक्रवार को विधानसभा क्षेत्र कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में जिले की आम जनता एवं अन्य गणमान्य नागरिक द्वारा प्रस्तुत की गई समस्याओं से रूबरू हुईं। राज्यमंत्री श्रीमती बागरी द्वारा समस्याओं का निराकरण विभिन्न विभाग से आये अधिकारियों द्वारा कराया गया और जिन समस्याओं का निराकरण शासन स्तर पर किया जाना है उसके लिये प्रतिवेदन तैयार करने के निर्देश दिये गए।

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