Saturday , November 9 2024
Breaking News

मुनि सुधाकर बोले- ज्ञान की आराधना से सौभाग्य, लाभ और सुख की प्राप्ति होती है

रायपुर

श्री लाल गंगा पटवा भवन, टैगोर नगर रायपुर में गतिमान चातुर्मासिक प्रवास अंतर्गत आचार्य महाश्रमण के सुशिष्य मुनिश्री सुधाकर व मुनिश्री नरेश कुमार के सान्निध्य में आज “ज्ञान पंचमी” पर विशेष कार्यशाला व अनुष्ठान का आयोजन किया गया. मुनिश्री सुधाकर ने पंचमी तिथि में ज्ञान पंचमी तिथि के विशेष महत्व पर उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित किया.

मुनिश्री सुधाकर ने कहा कि जैन दर्शन अनुसार आठ कर्मों में पहला कर्म है ज्ञानावर्णीय कर्म. ज्ञानावर्णीय कर्म को क्षय करने का माध्यम स्वाध्याय है. ज्ञान के बिना जीवन अंधकारमय है. ज्ञान प्रकाशकर है, जिससे मोक्ष का वरण हो सकता है. ज्ञान लाभ और सौभाग्य की जननी है. ज्ञानी व्यक्ति अपने ज्ञान कौशल से लाभ व सौभाग्य को प्राप्त कर सकता है.

मुनिश्री ने आगे कहा कि आज विशेष योग ज्ञान पंचमी पर बन रहा है. आज बुध्दि का दिन बुधवार भी है. मुनिश्री ने बताया कि ज्ञानावर्णीय कर्म बंधन के छः कारण है – ज्ञान का दान नहीं करना, ज्ञान और ज्ञानी की असाधना करना, ज्ञान प्राप्ति पर व्यवधान उत्पन्न करना, ज्ञान और ज्ञानी को रोकना, ज्ञान और ज्ञानी के प्रति विद्वेष की भावना करना, ज्ञान और ज्ञानी में दोष खोजना.

मुनिश्री ने कहा कि ज्ञान होने पर ज्ञान का अभिमान नहीं करना चाहिए बल्कि यह चिंतन करना चाहिए कि देव गुरु धर्म के प्रताप व शुभ कर्मों के योग से मुझे यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है. ज्ञान तो बांटने की वस्तु है, जितना बांटेंगे उतनी अभिवृद्धि होगी. मुनिश्री सुधाकर ने उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं को ज्ञान पंचमी पर पांच विशिष्ट मंत्रों का उच्चारण कराते हुए अनुष्ठान करवाया, जिससे बुध्दि का विकास व अर्जन हो सके.

About rishi pandit

Check Also

निर्वाचन आयोग के पास शिकायत लेकर पहुंचा कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल

रायपुर कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने शासकीय आंगन बाड़ी कार्यकतार्ओं के द्वारा रायपुर दक्षिण विधानसभा चुनाव …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *