सीधी। हाथियों का झुंड जैसे ही संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र के पोड़ी रेंज में प्रवेश करेगा सायरन बज उठेगा। इससे गांववासियों को पता चल जाएगा कि उनके क्षेत्र में हाथियों का झुंड आ गया है और वे सजग हो जाएंगे। यह प्रदेश का पहला त्वरित सूचना तंत्र संजय टाइगर रिजर्व में हाथियों पर निगरानी करने के लिए लगाया जा रहा है। इसके बाद इसे प्रदेश के अन्य पार्कों में लगाया जाएगा। फिलहाल चार सेंसर लगाए जा रहे हैं।
जरूरत क्यों
संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र के पोड़ी रेंज में छत्तीसगढ़ बॉर्डर पार कर हाथियों का झुंड कई वर्षों से आ जा रहा है। यह फसलों को बर्बाद करते हैं। दो लोगों को हाथियों के झुंड ने कुचल भी दिया था। इस तरह काम करेगा उपकरणपोड़ी रेंज के चार स्थानों को चिन्हित किया जाएगा जहां से हाथियों के झुंड का आना-जाना बना रहता है। इसमें खास तरह के यंत्र में सेंसर लगा होगा, जिसकी क्षमता शुरुआत में 100 मीटर की होगी। इसके बाद इसकी रेंज को ढाई सौ मीटर के क्षेत्र में बढ़ाया जाएगा। जैसे ही हाथियों का झुंड इस क्षेत्र से गुजरेगा लगाए गए यंत्र से सायरन की आवाज निकलेगी। इस सायरन को बीट ऑफिस, गांव में चिन्हित स्थान और संबंधित अधिकारी के मोबाइल पर फोन की घंटी जाएगी। बता दें कि यंत्र को 8 फीट ऊंचाई पर लगाया जाएगा ताकि हाथी के ऊंचाई को कवर कर सके।
प्रदेश में पहली बार प्रयोग
सेज फाउंडेशन के डायरेक्टर सगनिक सेन गुप्ता का कहना है कि हाथियों पर निगरानी करने के लिए प्रदेश में यह पहला त्वरित सूचना तंत्र है। देश में बंगाल, तमिलनाडु, केरल, छत्तीसगढ़ में इस तरह के यंत्र लगे हैं। सेज फाउंडेशन द्वारा हाथियों के ड्राइव टीम के करीब 7 लोगों को प्रशिक्षण देगा। संजय टाइगर रिजर्व में चार विभागीय हाथी हैं।