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Satna: सतना में 3 दिवसीय दिव्य कला मेला और दिव्य कला शक्ति का होगा आयोजन


एडवोकेसी बैठक में आयुक्त निःशक्तजन कल्याण ने दिये निर्देश


सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना जिले में दीपावली के बाद निःशक्तजन कल्याण की दिशा में तीन दिवसीय दिव्य कला मेला और दिव्य कला शक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस मेले में जिले भर के दिव्यांगजनों के सम्मेलन के दौरान दिव्यांगजनों की कलाकृतियां और प्रतिभाओं को मंच दिया जाएगा। इस अवसर पर दिव्यांगजनों के आर्थिक विकास और रोजगार सहित विभिन्न शासकीय योजनाओं कार्यक्रमों से संबंधित गतिविधियों का आयोजन होगा। आयुक्त निःशक्तजन कल्याण संदीप रजक ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में एडवोकेसी बैठक लेकर रूप रेखा तैयार करने के संबंध में दिशा-निर्देश दिए। इस मौके पर महापौर योगेश ताम्रकार, कलेक्टर अनुराग वर्मा, सीईओ जिला पंचायत सुश्री संजना जैन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवेश सिंह बघेल, उप संचालक संचालक सामाजिक न्याय सौरभ सिंह, प्रभारी डीडीआरसी डॉ. अमर सिंह, सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं समग्र विस्तार अधिकारी भी उपस्थित रहे।
आयुक्त निःशक्तजन कल्याण संदीप रजक ने कहा कि इंदौर और भोपाल में दिव्य कला मेले का आयोजन हो चुका है। सतना में भी इस मेले का आयोजन भव्य और अनूठे स्वरूप में करें। उन्होंने कहा कि इसके पहले नगर निगम क्षेत्र और समूचे जिले में दिव्यांगजनों की आवश्यकताओं के चिन्हांकन के लिए सर्वे कर लें। उन्होंने उप संचालक सामाजिक न्याय को तीन दिवसीय मेले के आयोजन का प्रस्ताव और रूपरेखा तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। आयुक्त निःशक्तजन ने नगर निगम सहित पूरे जिले में स्कूल, अस्पताल, पुलिस थाने सहित पीआईयू लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए जाने वाले सभी बड़े भवनों में दिव्यांगजनों को बाधा रहित आवागमन के लिए रैम्प की सुविधा की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत सभी भवनों में रैम्प का निर्माण अनिवार्य है। यदि किसी भवन में रैम्प नहीं बना है तो निर्माण एजेंसी को नोटिस जारी कर रैम्प का निर्माण कराये। इसके अलावा चित्रकूट के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों, कामतानाथ मंदिर और मैहर के मां शारदा देवी मंदिर में भी दिव्यांगजनों की बाधारहित और आसान पहुंच के प्रयास सुनिश्चित करायें। भवनों में बनाए जाने वाले रैम्प में एक अनुपात बारह के मानको का भी पालन सुनिश्चित किया जाए। आयुक्त निःशक्तजन ने महापौर नगर निगम को दिव्यांगजनों के लिए एक पार्क को चिन्हित कर उसे दिव्यांगजनों की सुविधाओं से परिपूर्ण करने की सलाह दी। महापौर ने बताया कि नगर निगम में 72 नए पार्क बनाए गये हैं। वार्ड नंबर-13 में दिव्यांगजनों के लिए विशेष पार्क सीएसआर मद से बनाया जा रहा है। आयुक्त निःशक्तजन ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में दिव्यांगजनों से संबंधित नगरीय निकाय संस्थाओं के पास बहुत सारे काम होते हैं। नगर निगम से किसी एक अधिकारी को केवल दिव्यांगजनों के कल्याण का काम देकर नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए।
आयुक्त निःशक्तजन ने कहा कि दिव्यांगजनों को किसी भी प्रकार की सहायता के लिए निःशक्तता प्रमाण पत्र अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। सिविल सर्जन विशेष रूप से देखें की प्रति सप्ताह जिला अस्पताल में शुक्रवार को आयोजित मेडिकल बोर्ड सभी सदस्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपस्थिति में संचालित हो और दिव्यांग जनों के प्रमाण पत्र यूडीआईडी सुचारू रूप से बनें। इस कार्य में डीडीआरसी और डीआईसी के स्टाफ और निःशक्तजन कल्याण में लगी स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग प्राप्त करें।


21 प्रकार की डिसेबिलिटी शामिल है दिव्यांगता में


आयुक्त निःशक्तजन कल्याण संदीप रजक ने बताया कि पूर्व में केवल सात प्रकार की अक्षमता को ही दिव्यांगता में शामिल किया गया था। लेकिन अब मेडीकल शारीरिक अक्षमताओं को भी मिलाकर कुल 21 प्रकार की डिसेबिलिटी को दिव्यांगता में शामिल किया गया है। इनमें लोविजन, दवारफिज्म, मेंटल इलनेस, हियरिंग इम्पेयर मेट, थैलेसिमिया, हीमोफीलिया, सिकल सेल एनीमिया, स्पीच एंड लैंग्वेज डिसेबिलिटी भी शामिल है। जिले में दिव्यांगजनों की संख्या 23 हजार को जनसंख्या के अनुपात में कम बताते हुए आयुक्त निःशक्तजन ने कहा कि दिव्यांगता के 21 प्रकारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करायें, ताकि लोगों में जागरूकता आए। शासकीय कार्यालयों, स्कूल, कॉलेज, अस्पतालों में बोर्ड लगाकर प्रचार-प्रसार करें। आयुक्त श्री रजक ने कहा कि जिले के दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राई सिकिल प्रदान की गई है। इनकी रिपेयरिंग और बैटरी रिप्लेस के लिए कैंप लगायें। इसी प्रकार कलेक्ट्रेट, तहसील, जनपद कार्यालय में दिव्यांगजनों को फोटोकॉपी, कंप्यूटर या अन्य कार्यों के लिए गुमटी या कैफे स्टॉल लगाकर रोजगार भी मुहैया कराया जा सकता है।
महापौर योगेश ताम्रकार ने कहा कि दिव्यांगजनों के योजनाओं में स्वरोजगार के लिए दिए गए प्रस्ताव आवेदन बैंकों में लंबित नहीं रखे जाएं। इनमें समय-सीमा निर्धारित कर प्राथमिकता से निराकरण किया जाए। जिला अस्पताल में सप्ताह के एक दिन शुक्रवार को आयोजित होने वाले मेडीकल बोर्ड में संबंधित विशेषज्ञ चिकित्सक निर्धारित समय में अनिवार्यतः उपलब्ध रहने चाहिए। सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया कि जनवरी से दिसंबर 2023 तक जिले में 2517 दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कार्ड बनाए गए हैं। उप संचालक सामाजिक न्याय सौरभ सिंह ने बताया कि पूरे देश भर में सतना जिले में अकेले 2000 से अधिक दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राई सिकिल प्रदान की गई है। जिले में अभी भी 122 दिव्यांग हितग्राही इसके लिए चिन्हित हैं। आकांक्षी ब्लॉक मझगवां में 17 सितंबर को कैंप लगाकर दिव्यांगजनों को एलिम्को द्वारा सहायक उपकरण वितरित किए जाएंगे। एलडीएम गौतम शर्मा ने बताया कि स्वरोजगारियों के प्रकरणों का बैंक द्वारा निस्तारण करने की तय समय सीमा 30 दिवस है। सहायक संचालक शिक्षा गिरीश अग्निहोत्री ने बताया कि जिले में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए पृथक-पृथक हॉस्टल संचालित हैं। जिनमें 40 बालिकाएं और 46 बालक कुल मिलाकर 86 बच्चे प्रवेशित हैं।

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