जन्माष्टमी पर केन्द्रीय जेल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुई राज्यमंत्री
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी के मुख्यातिथ्य में सोमवार को केन्द्रीय जेल सतना में जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने दीप प्रज्जवलन कर किया। इसके उपरांत भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना तथा आरती की गई। इस अवसर पर राज्यमंत्री श्रीमती बागरी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने हमें धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश दिया है। धर्म की रक्षा और अधर्मियों का नाश करने स्वयं भगवान को श्रीकृष्ण स्वरूप में पृथ्वी पर आना पड़ा। उन्होंने संसार को पाप, अधर्म, अत्याचार से मुक्त कर धर्म की स्थापना की। राज्यमंत्री ने कहा कि नन्हे कान्हा से योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण बनने के लिए सामान्य मनुष्य की तरह जीवन की अनेक बाधाएं, संघर्ष, दुःख, कष्ट, अपमान तथा पीड़ाओं को सहन करना पड़ा। भगवान श्रीकृष्ण ने संसार को फल की इच्छा छोड़कर केवल अच्छे कर्म कर स्वयं पर विश्वास करने की शिक्षा दी। संसार को भगवान श्रीकृष्ण से मित्रता की जो शिक्षा मिली, वह अनुकरणीय है। उनका आदर्श जीवन हर युग में प्रासंगिक और प्रेरणादायी है।
राज्यमंत्री श्रीमती बागरी ने बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि जेल में जो लोग बंद हैं, वे हमारे ही परिवार के सदस्य हैं, समाज का हिस्सा हैं। वह किसी खराब संगति, घटना-दुर्घटना या कानून का उल्लंघन करने की वजह से जेल में बंद हैं। जेल में बंद, कैदी रिहा होने के बाद समाज में आम नागरिक जैसा अपना जीवन जीते हैं, वैसे ही अपना जीवन यापन करें। उन्होंने कहा कि कैदियों को जेल में सुधरने के लिए बंद किया जाता है। वह सजा पूरी करने के बाद समाज में साथ आकर सम्मिलित हो सकें, ऐसा ना लगे कि वह समाज से कट गए हैं। इसके लिए सरकार द्वारा काम किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रवर्चनकर्ता मानस पीठाधीश्वर जगदगुरू श्री रामानंदचार्या, स्वामी श्री रामललाचार्या जी महाराज, जेल अधीक्षक लीना कोष्टा, जेल उप अधीक्षक श्रीकांत त्रिपाठी तथा सोनबीर सिंह कुशवाह, कल्याण अधिकारी अनिरूद्ध तिवारी, सहायक जेल अधीक्षक अभिमन्यु पाण्डेय, सुश्री फिरोजा खातून, जेल स्टाफ एवं बंदीगण उपस्थित रहे।
बंदियों द्वारा दी गई भजन और नाटक की प्रस्तुति
जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर केन्द्रीय जेल सतना में आयोजित कार्यक्रम में बंदियों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति करते हुए भजनों की प्रस्तुति दी गई। इसके उपरांत बंदियों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। अतिथियों द्वारा तालियों के साथ बंदियों का उत्साहवर्धन किया गया।