Friday , September 20 2024
Breaking News

Satna: ग्रामीणों ने पेश की मिसाल: प्रशासन आश्वासन देता रहा, एकजुट होकर नदी में बना दिया लकड़ी का पुल


11 दिनों तक घरों में कैद रहने के बाद स्कूल पहुंच पाए छात्र, एक दशक से केवल भरोसा ही मिला


सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्रशासनिक उदाशीनता का दंश पिछले एक दशक से भोग रहे ग्रामीणों ने एक जुटता की मिशाल पेश करते हुए नदी पर वैकल्पिक पुल तैयार कर अपना मार्ग प्रशस्त कर लिया। पिछले 11 दिनों से घरों में कैद ग्रामीणों की फरियाद जब जिला प्रशासन ने नहीं सुनी तक सभी ने लकड़ी का पुल बनाया और तट पार करना शुरू कर दिया। यह मामला मैहर जिला मुख्यालय से लगभग 55 किमी की दूरी पर स्थित करौंदिया गांव का है। कहने के लिए यह गांव नगर परिषद न्यू रामनगर का हिस्सा है, लेकिन एक दशक से नगर परिषद यहां रहने वाले लोगों के लिए पुल मंजूर नहीं कर सका।

करौंदिया गांव में लगभग दो सैकड़ा परिवार रहते हैं। जिनकी स्कूल, कॉलेज, खेती और रोजगार के सभी साधन-सुविधाएं पूरी बाहरी क्षेत्र में निर्भर हैं। लेकिन बरसात के दिनों में सभी का रास्ता यहां से गुजरी नदी रोक देती है। बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते। किसान खेतों तक नहीं जा पाते। मरीज रास्ते के अभाव में घरों में कैद रहते हैं। कुल मिलाकर पुल नहीं होने से सभी का जीवन बेहद कष्टमय है। कई बार ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को इस बारे में उचित कदम उठाने का आग्रह किया। लेकिन उन्हें हर बार केवल आश्वासन मिले। पिछले दिनों जिला कलेक्टर ने भी सात दिन के अंदर रास्ता और पुल की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया था, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं हुआ।

11 दिनों बाद बंधा लकड़ी का पुल
करौंदी गांव में रहने वाले लोगों ने बताया कि गांव के सभी लोगों ने मिलकर पहले से बांस की लकडिय़ां जुटाईं। इसके बाद उसे खड़ा करने मेें लगभग 11 दिन लग गए। यह पुल वैकल्पिक रुप से बना है। चूंकि नीचे से नहीं बह रही है। ऐसे में बेस सही तरीके से नहीं बना। एक बार में दो से तीन लोगों के गुजरने पर टूटने का खतरा है। ऐसे में बारी-बारी से लोग पुल पार कर रहे हैं। बच्चों को भी क्रमवार पुल पार कराया जाता है।

स्कूल पहुंचने से बच्चे खुश
पिछले कई दिनों से यहां बरसात हो रही है। जिसे नदी उफान पर थी। नदी के बहाव के कारण कोई भी उसे पार करने का साहस नहीं दिखाता था। फिलहाल पुल से निकलकर बच्चे स्कूल पहुंचे और जन्माष्टमी मनाई। अब वे बेहद खुश है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पूर्व में करौंदिया में एक ईजीएस शाला थी जिसमें बच्चे पढ़ते थे, लेकिन बरसात के दिनों शिक्षक नहीं पहुंच पाते थे, लिहाजा विद्यालय बंद हो चुका है।

About rishi pandit

Check Also

Maihar: कलेक्टर मैहर ने किया मंदिर परिसर का निरीक्षण

मैहर, भास्कर हिंदी न्यूज़/ आगामी 3 अक्टूबर से प्रारंभ होने वाले नवरात्रि मेले में मैहर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *