China Corona Vaccine:digi desk/BHN/ पाकिस्तान ने कोरोना महामारी से सामना करने के लिए चीन में निर्मित कोरोना वैक्सीन पर भरोसा जताया था, लेकिन अब उसे इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर चीन अपने यहां निर्मित कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करवाई है, लेकिन अब इसके परिणाम सकारात्मक नहीं निकल रहे हैं। चीन की कोरोना वैक्सीन लगने के बाद भी पाकिस्तान में तीन हेल्थ वर्कर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
वैक्सीन के बचाव में उतरे पाकिस्तानी अधिकारी
इधर चीन से प्राप्त वैक्सीन के नकारात्मक परिणाम आने के बाद पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन (PMA) के अध्यक्ष डॉ. अशरफ निजामी ने बचाव करने की कोशिश की है। निजामी ने कहना है कि कोई भी वैक्सीन 100 फीसदी परिणाम नहीं देती है। कुछ कोरोना संक्रमति मामले सामने आने पर चीन की कोरोना वैक्सीन पर अंगुली नहीं उठा सकते हैं। सभी लोगों को खुद को सुरक्षित रखने के लिए प्रोटोकॉल्स का पालन करना होगा।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि पूरी दुनिया को कोरोना महामारी के संकट में धकेलने वाले देश चीन की Corona Vaccine भी सवालों के घेरे में आ गई है। पाकिस्तान ने चीन की वैक्सीन लगने के बाद भी तीन हेल्थ वर्कर कोरोना संक्रमित निकले हैं। मिली जानकारी के मुताबिक तीनों हेल्थ वर्कर लाहौर के मायो अस्पताल में काम करते हैं। मायो अस्पताल ने बताया है कि एक डॉक्टर, हेड नर्स और वॉर्ड इन-चार्ज को वैक्सीन लगवाई गई थी, लेकिन अब तीनों की कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अस्पताल के डॉक्टर ने 23 फरवरी को वैक्सीन लगवाई, जिसके पांच दिन बाद उनमें कोरोना के लक्षण दिखाई देने लगे। इसके अलावा हेड नर्स और वॉर्ड इन-चार्ज ने वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरुआत में वैक्सीन लगवाई थी, लेकिन ये दोनों भी 15 दिन के बाद संक्रमण ग्रस्त मिले।
चीन ने बनाई है Sinopharm वैक्सीन
चीन ने Sinopharm कोरोना वैक्सीन बनाई है और पाकिस्तान को अभी तक सिनोफार्म (Sinopharm) वैक्सीन की 5 लाख डोज भेज चुका है और जल्द ही दूसरी खेप भी भेजने वाला है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हाल ही में ऐलान किया था कि दोस्त चीन फ्रंट लाइन वर्कर्स और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 5 लाख अतिरिक्त कोरोना वायरस की डोज भेज रहा है।
श्रीलंका ने चीन की वैक्सीन लेने से कर दिया था इनकार
हाल ही में श्रीलंका ने समझदारी दिखाते हुए चीन की कोरोना वैक्सीन सिनोफार्म (Chinese Sinopharm) लेने से इनकार कर दिया था। श्रीलंका ने चीनी वैक्सीन की जगह भारतीय वैक्सीन के इस्तेमाल पर जोर दिया था। श्रीलंका ने चीनी वैक्सीन को होल्ड पर रखते हुए भारत में निर्मित ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन (Oxford AstraZeneca vaccine) के इस्तेमाल का फैसला लिया है।