- खगोलीय घटना देखने पहुंचे थे कई खगोल प्रेमी
- आसमान में बादल छाने के कारण मायूस होकर लौटे
- लोगों को नहीं दिखा परछाई शून्य होने का नजारा
Madhya pradesh ujjain longest day of the year the sight of zero shadow could not be seen due to cloudy sky: digi desk/BHN/ उज्जैन/ बादल छाए रहने से शुक्रवार को शासकीय जीवाजी वेधशाला में परछाई शून्य होने का नजारा दिखाई नहीं दिया। खगोलीय घटना को देखने के लिए बड़ी संख्या में खगोलप्रेमी वेधशाला पहुंचे थे, लेकिन मायूस होकर लौटना पड़ा।
गायब हो जाती है परछाई
उत्तरी गोलार्ध में सूर्य के कर्क रेखा पर लंबवत होने के कारण दोपहर में 12 बजकर 28 मिनट पर कुछ देर के लिए पृथ्वी पर व्यक्ति की परछाई गायब हो जाती है। उज्जैन में स्पष्ट रूप से यह नजारा शिप्रा के गऊघाट स्थित शासकीय जीवाजी वेधशाला तथा महिदपुर के ग्राम डोंगला स्थित वेधशाला में देखा जाता है।
बादल छाने के कारण नहीं हुई छाया शून्य
इस बार रात्रि के अंतिम प्रहर से अलसुबह तक हुई तेज वर्षा और उसके बाद दिन में बादल छाए रहने के कारण खगोलीय घटना दिखाई नहीं दी। शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र गुप्त ने बताया बादल छाए रहने के कारण जीवाजी वेधशाला में छाया शून्य की स्थिति दिखाई नहीं दी।
इधर, विक्रम विश्वविद्यालय के पुराविद डॉ. रमण सोलंकी ने बताया कि डोंगला में कुछ क्षण के लिए सूर्य बादलों की ओट से बाहर निकला, उस समय घटना दिखाई दी। यह नजारा द्वापर युग जैसा था, किंवदंतियों के अनुसार उज्जैन में शिक्षा ग्रहण करने आए भगवान श्रीकृष्ण गुरु आज्ञा से उज्जैन में काल गणना का निर्धारण करने महिदपुर के ग्राम डोंगला आए थे।
उस समय घनघोर बारिश हुई और भगवान पेड़ पर चढ़कर बैठ गए। उस दौरान कुछ देर के लिए बादल छटे और सूर्य देवता दिखाई दिए भगवान ने उस समय यहां काल गणना की थी।