टमस नदी में 2 हजार घन मीटर निकाली गाद, घाट तक पहुंचा पानी
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना जिले में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून से 16 जून तक संचालित जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत सहिजना उबारी में कैथा इटमा सड़क पुल के नीचे पुराने स्टाप डैम से लगभग 2 हजार घन मीटर टमस नदी की गाद निकाली गई है। नदी की गाद निकालने के बाद अब नदी का बहता हुआ संचित जल किनारे बने घाटों तक पहुंच चुका हैं। जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन कार्यक्रम में सहिजना उबारी ग्राम पंचायत के कैथा इटमा पहुंचे सांसद गणेश सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल के नेतृत्व में जनप्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधियों के अगुवाई में बजरंगबली मंदिर से नदी के स्टाप डैम कार्यस्थल तक स्व-सहायता समूह की दीदियों द्वारा कलश यात्रा के साथ चूनर यात्रा भी निकाली गई। जय गंगे के उद्घोष के बीच सांसद श्री सिंह ने घाट पर जल पूजन किया और दीदियों द्वारा नदी के पाट पर एकत्र हुए जल में चूनर भी चढ़ाई। सहिजना उबारी ग्राम पंचायत के कैथा इटमा नदी स्टाप डैम पर रविवार को कार्य जारी रखा गया और लगभग 1000 घन मीटर गाद निकाली गई।
सीईओ जिला पंचायत सुश्री संजना जैन ने बताया कि जल गंगा संवर्धन अभियान के दौरान सहिजना उबारी में 3 किसानों के खेतों में खेत तालाब संरचना, 2 सार्वजनिक कूपों की मरम्मत एवं साफ सफाई कार्य तथा कैथा इटमा पुल के नीचे टमस नदी के स्टाप डैम की गाद हटाने और घाटों के रंग-रोगन का कार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि सतना और मैहर जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान में 2798 जल स्रोतों के पुनरुद्धार एवं संरचनाओं के कार्य हाथ में लिए गए हैं। जिनमें 1506 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। जिनमें 77 कार्य स्टाप डैम, 450 रिचार्ज पिट, पौधरोपण की तैयारी के 100 कार्य, खेत तालाब के 90 कार्य पूरे कर लिए गए हैं। सीईओ जिला पंचायत ने कहा कि शासकीय अभियान की निर्धारित समय-सीमा होती है। लेकिन अभियान में जन सहभागिता जुड़कर जन आंदोलन का स्वरूप मिलता है तो फिर कोई भी अभियान निरंतर चलते रहते हैं।
जल संरक्षण-संवर्धन अभियान निरंतर चालू रखेंगे- जिला पंचायत अध्यक्ष
जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल ने कहा कि गंगा दशहरा पर समापन जरूर हो रहा है, लेकिन पंचायती राज संस्थाओं और जन सहयोग के माध्यम से जल संरक्षण-संवर्धन का अभियान निरंतर चालू रहेगा। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति पौधा लगाये और उसे तैयार करने की जिम्मेदारी भी ले। अपने पूर्वजों के नाम पर, शादी की सालगिरह पर किसी भी यादगार के लिए पौधा लगायें। उन्होंने किसानों से कहा कि घर-मैदान, खेत-खलिहान जहां भी अनुकूलता हो पौधा लगायें। पौधे मिलने में कोई दिक्कत हो तो ग्राम पंचायत से संपर्क करें। इस कार्यक्रम को अनवरत चालू रखें, ताकि आने वाली पीढ़ी को हम स्वस्थ और स्वच्छ पर्यावरण देकर जाएं।
क्षेत्रीय जिला पंचायत सदस्य ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि जल संवर्धन और पौधरोपण के कार्यों में प्रत्येक ग्रामीण जनों की सहभागिता नैतिक जिम्मेदारी है। वृक्षारोपण के साथ उसकी सुरक्षा का भी जिम्मा संभाले। जल गंगा संवर्धन अभियान के चिन्हित कार्यों को पूरा करें। अभियान के समापन के बाद भी जल गंगा संवर्धन के कार्य जारी रखें, ताकि ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल को संचित कर जल स्तर सुधार सकें। विधायक प्रतिनिधि भागवेंद्र सिंह ने कहा कि टमस नदी के कैथा इटमा स्टाप डैम की सफाई 20-25 वर्ष बाद हो रही है। नदी के किनारे लगभग तीन एकड़ मंदिर के स्वामित्व की भूमि में वृक्षारोपण की सुरक्षा के लिए बाउंड्री वॉल बनाना भी जरूरी है।
जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन पर जारी रहे जीर्णोद्वार के कार्य
जल संरचनाओं के संरक्षण के लिये किया गया श्रमदान
जिले शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस से जल गंगा संवर्धन अभियान शुरू किया गया। अभियान के तहत जिले भर में परंपरागत जल स्त्रोतों की साफ-सफाई तथा जीर्णोद्धार के कार्य किये गये। गांव-गांव जल कलश यात्राऐं निकाल कर आमजनता को जल संरक्षण और संवर्धन के अभियान से जोड़ने का प्रयास किया गया। अभियान के दौरान तालाबों, स्टाप डैम, पुरानी बावड़ी, कुंओं तथा नदी घाटों की सफाई की गयी। कई नये स्टाप डैमों का निर्माण किया गया। जिले भर में गंगा दशहरा को अभियान का समारोह पूर्वक समापन हुआ। जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन पर जिले भर में कार्यक्रम आयोजित किये गये। प्रत्येक ग्राम पंचायत में मुख्यमंत्री जी के उज्जैन में राज्य स्तरीय समारोह में उद्बोधन का सजीव प्रसारण दिखाया गया। मुख्यमंत्री जी ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में शामिल जिले के लाखों लोगों को जल संरक्षण का संकल्प दिलाया। सभी नगरीय निकायों में भी जल संवर्धन का संकल्प लिया गया।
जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन दिवस पर जिले के जल स्त्रोतों के संरक्षण के लिये जनभागीदारी से अभियान जारी रहा। अभियान के तहत जनपद पंचायत मैहर अंतर्गत ग्राम सभागंज में तालाब की सफाई के लिये श्रमदान किया गया। सार्वजनिक कूप की रंगाई-पुताई और मरम्तीकरण के कार्य कराकर उपयोगी बनाया गया है। इसी प्रकार रामपुर बघेलान विकासखंड अंतर्गत रामवन के मतहा तालाब में एसडीएम आरएन खरे के नेतृत्व में तालाब गहरीकरण के लिये ग्रामीणजनों ने जनभागीदारी से जल गंगा संवर्धन अभियान को समर्थन दिया। अभियान की कड़ी में ग्राम पंचायत सिंहपुर स्थित पटपरनाथ धाम में भगवान शंकर की पूजा-अर्चना कर कुंड की सफाई का कार्य किया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री जी के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम के प्रसारण को एलईडी स्क्रीन के माध्यम से ग्रामीणजनों के बीच प्रसारित किया गया। जनपद पंचायत सोहावल अंतर्गत ग्राम पंचायत पवैया में कूप की जीर्णोद्धार का कार्य कराया गया। ग्राम पंचायत भैसवार में मकरार नाला पर डी रिंग बंड का निर्माण कराया गया है।
जल गंगा संवर्धन अभियान से पुराने जल स्त्रोतों को नया जीवन मिला है- विधायक मैहर
जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन अवसर पर मैहर जिला अंतर्गत सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल स्त्रोतों के संरक्षण और पुनरुद्धार के कार्य जारी रहे। विधायक मैहर श्रीकांत चतुर्वेदी ने अभियान के समापन अवसर पर जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं स्थानीय नागारिकों के साथ मैहर के विभिन्न स्थानों पर स्थित जल स्त्रोतों की सफाई कार्यक्रम में शामिल हुये। इस अवसर पर विधायक श्री चतुर्वेदी ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान से पुराने जल स्त्रोतों को नया जीवन मिला है। सरकार के प्रयासों और आमजनता के सहयोग से कई तालाबों, कुपों तथा अन्य जल स्त्रोतों में जीर्णोद्धार के कार्य किये गये हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी की जल संरक्षण की अभिनव पहल से जिले भर में जल स्त्रोतों को नया जीवन मिला है। पानी को बचाने के लिए चलाये जा रहे जल गंगा संवर्धन अभियान में भागीदारी निभाये। पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के लिए वृक्षारोपण आवश्यक है। अच्छी वर्षा होने के बाद हर व्यक्ति कम से कम दो पेड़ आवश्य लगाये। धरती पर हरियाली और पानी रहेगा तभी उसमें मानव और अन्य जीवों का जीवन सुरक्षित रहेगा। विधायक मैहर ने लिलजी बांध में जल संचय के कार्य में श्रमदान किया।
कलेक्टर मैहर ने की पीएससी परीक्षा आयोजन की समीक्षा
मैहर कलेक्टर श्रीमती रानी बाटड ने कलेक्ट्रेट सभागार में 23 जून को होने वाली एमपीपीएससी परीक्षा के आयोजन को लेकर अधिकारियों की बैठक ली। कलेक्टर ने निर्देशित करते हुए कहा कि राज्य सेवा परीक्षा एवं राज्य वन सेवा परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा लोक सेवा आयोग की दिशा-निर्देशों के अनुसार आयोजित करवाई जाये। बैठक में बताया गया कि परीक्षा दो पालियों में आयोजत होगी। परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थी प्रातः 9ः30 बजे तक प्रवेश करेंगे। प्रातः 9ः45 बजे से 10 बजे तक ओएमआर शीट का वितरण किया जायेगा। वास्तविक परीक्षा प्रातः 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित होगी। दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 2ः15 बजे से 4ः15 बजे तक आयोजित की जाएगी कलेक्टर ने कहा की केंद्र में पीने के पानी की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि परीक्षा के सफल आयोजन के लिये लिए ड्यूटी मै तैनात किये गये कार्मिकों को प्रशिक्षित करें। ताकि परीक्षा के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके लिये मॉकड्रिल के माध्यम से शिक्षको को प्रशिक्षित कर सकते है। इस अवसर पर सरस्वती विद्यालय केंद्र अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह और सहायक केंद्राध्यक्ष प्रह्लाद दिवेदी एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे।