छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लाक के धमनिया कोंटा गांव में एक अनोखा विवाह समारोह हुआ, जिसका गवाह पूरा गांव बना। मंडप सजा बरात आई और भोज भी हुआ। विवाह समारोह में दुल्हन तो बालिग थी, लेकिन दूल्हे की जगह लोहे के बने नागदेव नजर आए। धमनिया के कोंटा गांव निवासी इंदर कुमार के दो बेटे और एक बेटी है। मंझली बेटी गीता ने आठवीं तक पढ़ाई की है। गीता ने अपने परिजनों को बताया कि कुछ दिनों से उसे सपने में नागराज दिखाई दे रहे हैं। ये सिलसिला नागपंचमी से जारी था। इसके बाद उसने अपनी शादी नाग से करवाने की जिद परिजनों से की। साथ ही अपनी मांग पूरी नहीं होने पर गीता घरवालों को खुदकुशी करने की धमकी देने लगी।
बेटी की जिद के आगे परिजन मजबूर हो गए। इसके बाद आदिवासी रीति रिवाज से 16 सितंबर, बुधवार को विवाह की रस्म पूरी की गई। लोहे के नागदेव को बैठाया और मंत्रोच्चार के साथ सात फेरे लेकर गीता का विवाह नागदेव से कराया। इस बात की जानकारी जब आसपास के ग्रामीणों को मिली, तो वे भी इस विवाह समारोह को देखने पहुंचे। भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। इस बारे में सरपंच किसना बाई मर्सकोले ने बताया कि लड़की की शादी नाग से होने की जानकारी मिलने पर दूसरे गांव से भी लोग आने लगे थे, जिन्हें आने से रोका गया। वहीं पंचायत सचिव उदलशाह ने बताया कि उन्हें विवाह की जानकारी देरी से मिली। न्यूटन चिखली पुलिस चौकी प्रभारी पारस नाथ आमो ने बताया कि अंधविश्वास के चलते लोग जमा हो गए थे, जिन्हें समझाइश देकर लौटा दिया गया।
जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक और आदिवासी नेता रामदास उइके ने बताया कि आदिवासी समाज के लोग काफी पिछड़े हैं। कोरोना संक्रमण के चलते लोगों के सामने रोजगार का संकट है। इसी कारण वे इस तरह के मनोविकार का शिकार हो रहे हैं। आदिवासी समाज में इस तरह की कोई परंपरा नहीं है। युवती की जिद के आगे ही माता-पिता इस विवाह के लिए मजबूर हुए।