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Satna: प्रकृति के संरक्षण के लिये पुरातन संस्कृति को सहेजना होगाः कलेक्टर

  • पुरैनी के प्राचीन तालाब से शुभारंभ हुआ जल स्त्रोतों के संरक्षण का अभियान
  • 16 जून को गंगा दशहरा तक सभी पंचायत, नगरीय निकाय में चलेगा अभियान


सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ राज्य शासन के निर्देशानुसार नमामि गंगे परियोजना अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायों में 5 जून से 16 जून गंगा दशहरा तक जलस्त्रोतों तथा नदी, तालाबों, कुओं, बावड़ी तथा अन्य जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन का अभियान चलाया जा रहा है। सतना जिले में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सोहावल विकासखंड के ग्राम पुरैनी के प्राचीन तालाब से कलेक्टर अनुराग वर्मा ने जिले में अभियान का शुभारंभ किया। उन्होने जन सहयोग और जनसहभागिता से प्राचीन तालाब के जीर्णोद्धार के किये जा रहे कार्य में श्रमदान किया। कलेक्टर ने तालाब की मेड़ पर पौधे भी लगाये और तालाब के किनारे स्थित शिवालय में साफ-सफाई भी की।
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने इस मौके पर ग्रामीणों से कहा कि हमारे पूर्वजों द्वारा बनाये गये तालाबों में गर्मियों में भी पर्याप्त पानी का संचय रहता है। लगातार प्रकृति के दोहन और जलस्तर को गिरने से बचाने जलस्त्रोतों को रिचार्ज किया जाना अत्यंत आवश्यक है। कलेक्टर ने कहा कि आज गांवों की अपनी पुरानी संस्कृति, प्रकृति के संरक्षण और जल संरक्षण की दिशा में लौटने की जरुरत है। उन्होने कहा कि पेड़ जमीन को बांधे रखता है और भू-मंडलीय जल (वर्षा जल) को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता रखता है। खेत का पानी खेत में, घर का पानी घर में सूक्ति का पालन कर हमें जल स्त्रोतों को वर्षा जल से रिचार्ज करना जरुरी है।
कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के तालाब अभी भी उपयोगी हैं। इनमें जल आवक के रास्ते को सुगम कर पर्याप्त वर्षा जल संचय किया जा सकता है। अपने गांव के जल स्त्रोतों को सदानीरा बनाये रखना और घर तथा गांव को साफ-स्वच्छ बनाये रखना हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होने समस्त ग्रामीणों से इस अभियान में श्रम सामग्री, उपकरण आदि का सहयोग देकर सहभागिता निभाने की अपील की। सीईओ जिला पंचायत सुश्री संजना जैन ने कहा कि सतना और मैहर जिले की सभी 695 ग्राम पंचायतों में जन सहयोग के माध्यम से अभियान चलाया जा रहा है। सभी ग्रामीण जन अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें और इसे सफल बनायें। यह अभियान आपका है और आपके लिये, गांव के लिये है। इस मौके पर जिला समन्वयक जन अभियान परिषद डॉ राजेश तिवारी, जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका अंजुला झा, जनपद सीईओ प्रतिपाल बागरी, ब्लाक समन्वयक पूर्णिमा, श्वेता सिंह सहित स्व-सहायता समूह की महिलायें तथा स्वयंसेवी संगठन और ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

कलेक्टर मैहर ने जल संरचनाओं की साफ-सफाई में किया श्रमदान
मैहर जिले में नमामि गंगे अभियान का हुआ शुभारंभ

जल संवर्धन और संरक्षण के लिये आमजन को प्रेरित करने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मैहर जिले में जल संरक्षण-संवर्धन के विशेष अभियान “नमामि गंगे अभियान“ का शुभारंभ कलेक्टर मैहर रानी बाटड ने मां शारदा मंदिर के समीप बनी प्राचीन बावड़ी साफ-सफाई कर किया। कलेक्टर श्रीमती बाटड ने बावड़ी की सीढ़ियों में जमा काई को फावड़े से हटाकर सफाई कार्य में श्रमदान किया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह, सीएमओ लालजी ताम्रकार सहित आमजनों ने सफाई कार्य में सहयोग किया।
कलेक्टर मैहर रानी बाटड ने जल संरचनाओं के महत्व समझाते हुये कहा कि प्रकृति द्वारा प्रदान किये गये संसाधन मानवीय जीवन के लिये एक वरदान हैं। इसकों संरक्षित करने में ही मानव प्रजाति का भविष्य सुरक्षित है। जल स्रोतों का संरक्षण मानव जीवन के लिए आवश्यक है। उन्होने कहा कि शासन द्वारा शुरु किया गया नमामि गंगे अभियान जल संवर्धन और संरक्षण दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिये आमजन का भी सहयोग आवश्यक है। हम सभी को जल स्त्रोतों को सहेजने, उनकी साफ-सफाई और उनके आस-पास वृक्षारोपण जैसी गतिविधियां जनभागीदारी से सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। प्रकृति की रक्षा करना हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है।
महिलाओं द्वारा निकाली गई कलश यात्रा
राज्य शासन द्वारा शुरु किये गये नमामि गंगे अभियान की रुपरेखा के अनुसार अभियान के शुभारंभ अवसर पर मैहर जिले में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई। कलेक्टर मैहर रानी बाटड और सीईओ जिला पंचायत संजना जैन ने जल संरचनाओं एवं उसके पास स्थापित मंदिर परिसर की साफ-सफाई कर अभियान में सहभागिता निभाई। इसी प्रकार आमजनों के बीच संगोष्ठी का आयोजन कर जल सरंक्षण और संवर्धन की जानकारी दी गई। इसके साथ ग्रामीण महिलाओं द्वारा जल संरचनाओं के निकट कलश यात्रा निकालकर अभियान की गतिविधियों का प्रचार-प्रसार किया गया।
तिलौरा में शामिल हुईं कलेक्टर

कलेक्टर मैहर रानी बाटड ग्राम तिलौरा में आयोजित नमामि गंगे अभियान के कार्यक्रम में भी शामिल हुईं। उन्होने इमलिया तालाब की मेड़ पर पौधारोपण किया। साथ ही ग्रामीण जनों के बीच पहुंचकर नमामि गंगे अभियान के बारे में जानकारी दी। उन्होने कहा कि यह अभियान जनसहभागिता और जनभागीदारी का अभियान है। इसमें सभी के सहयोग से प्राकृतिक जल संरचनाओं के संरक्षण के लिये सामूहिक प्रयास किया जायेगा। सभी लोग अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दें। इस मौके पर सीईओ जिला पंचायत संजना जैन, ईई आरईएस अश्वनी जायसवाल, अधिकारी-कर्मचारी एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

जिले के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में हुई नमामि गंगे अभियान शुरुआत

प्रदेश के साथ ही सतना जिले में सभी नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस से नमामि गंगे अभियान का शुभारम्भ हो गया है। जो गंगा दशहरा 16 जून तक संचालित होगा। अभियान के पहले दिन जिलेभर में जल स्रोतों तथा नदी, तालाबों, कुंआ, बावड़ी तथा जल स्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिये साफ-सफाई अभियान चलाया गया। इसी कड़ी में अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिये बुधवार को उचेहरा जनपद की ग्राम पंचायत ईटाहा खोखर्रा में जन भागीदारी से स्टॉप डैम का कार्य जल संरक्षण के लिये कराया गया। जिसमें जिला पंचायत सभापति ज्ञानेंद्र सिंह, विधायक प्रतिनिधि भागवेंद्र सिंह, सीईओ जनपद पंचायत प्रभा तेकाम सहित ग्राम पंचायत सरपंच, सचिव, जनपद कार्यालय के कर्मचारी, जन परिषद अभियान से एवं स्थानीय नागरिक अभियान में शामिल हुए।

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