फूटफूट कर रोये परिवार वाले
रीवा भास्कर हिंदी न्यूज़। पाकिस्तान के लाहोर जेल से छूटने के बाद लगभग पांच वर्ष बाद अपनी सरजमीं पर अनिल साकेत पुत्र बुद्धसेन साकेत निवासी छदनहाई ग्राम पंचायत मनकहरी थाना नईगढी जिला रीवा पहुंच गया। नईगढ़ी थाना की पुलिस उसे देर शाम ग्वालियर से लेकर रीवा के लिए रवाना हुई थी । इस दौरान घर के सदस्यों से भी वीडियों कॉलिंग करके अनिल की बात पुलिस ने कारवाई थी। पाकिस्तान की लाहोर जेल में बंद अनिल साकेत अपने घर पहुंचा तो घर वालों की आँखे छलछला उठीं. अनिल साकेत को यह बात जरूर खल रही है की उसकी पत्नी उसका इंतजार नही कर पाई और उसने दूसरा ब्याह रचा लिया.
क्या है मामला
जिला मुख्यालय से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर स्थित छदनहाई निवासी बुद्धसेन साकेत का 20 वर्षीय पुत्र अनिल साकेत 15 जनवरी 2015 में लापता हो गया था। उस समय उनके द्वारा गुमशुदगी नईगढी थाने में दर्ज कराई गई थीं। हालांकि डेढ साल बीत जाने के बाद भी अनील का कोई सुराग नहीं लगा था। जिसके कारण पिता की मानसिक स्थिति खराब हो गई थी। वहीं नईगढी पुलिस ने बताया कि अनिल का डेढ साल तक इंतजार करने वाली उसकी पत्नी सीमा साकेत ने पहले तो पति को खोजने के लिए काफी प्रयास किया। लेकिन जब वह नहीं मिला तो उसने पुलिस विभाग के आला अधिकारियों से मुलाकात कर पति को खोजने की अपील भी की थी। लेकिन नतीजा शून्य रहा।
ज्ञात हो कि एक वर्ष पूर्व केंद्रीय गृह विभाग से जारी पत्र में अनिल साकेत को पड़ोसी देश पाकिस्तान के लाहौर जेल में बंद होना बताया गया था। उसके लाए जाने की तैयारी एक वर्ष से की जा रही थी। चूकि एक वर्ष पूर्व पाकिस्तान सरकार द्वारा पाकिस्तान के विभिन्न जेलों में बंद भारतीय कैदियों की सूची विदेश मंत्रालय के जरिए पाकिस्तान के राजदूत ने भारतीय राजदूत को सौंपी थी।