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Shahdol: शहडोल के कई स्कूलों को नोटिस, निजी प्रकाशकों की पुस्तकों के लिए बना रहे थे दबाव

शहडोल, भास्कर हिंदी न्यूज़/ शहडोल जिले मे संचालित अशासकीय विद्द्यालयों मे व्याप्त अनिमितताओं पर कलेक्टर ने शिकंजा कस दिया है। जिला स्तरीय गठित समिति ने कई विद्यालयों का भ्रमण किया। शिक्षकों एवं विद्यालय संचालक से चर्चा की। विद्यालय में शैक्षणिक सामग्री संबंधी दस्तावेजों की जांच भी की गई। उक्त विद्यालयों में पाठ्य पुस्तकें, यूनीफार्म एवं अन्य शैक्षणिक सामग्री निर्धारित दुकानों से खरीदने की व्यवस्था की जानकारी मिली थी। कई विद्यालय एमपी बोर्ड पैटर्न पर नर्सरी से कक्षा 12 वीं तक संचालित है। इसके बाद भी नर्सरी से कक्षा चार तक निजी प्रकाशनों की पुस्तकें लालू है। नियमानुसार इन विद्यालयों में शासकीय प्रकाशन की पुस्तकें चलाई जानी चाहिए थी।

जारी कारण बताओ नोटिस में इन आशासकीय विद्यालयों के प्रमुखो को शासन के नियमो के तहत जवाब देने को कहा गया है। स्कूल शिक्षा विभाग की अधिसूचना क्रमांक 474 में म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2020 के नियम 6 (1) में उपबंधित है कि निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा विद्यालय प्रवेश प्रारंभ की तिथि एवं प्रकिया, विद्यालय में उपयोग में लाई जाने वाली पाठ्यपुस्तकें, स्टेशनरी, पठन सामग्री, बैग, यूनिफॉर्म, स्पोर्ट्स किट, ट्रांसपोर्ट सुविधा, फीस अथवा परोक्ष या अपरोक्ष रूप से संग्रहित की जाने वाली धनराशि का विवरण विद्यालय के नोटिस बोर्ड तथा आधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी। निजी विद्यालय, विद्यालय की विवरण पुस्तिका एवं आवेदन पत्र प्राप्त करने के संबंध में आवश्यक जानकारी विद्यालय के सूचना पटल एवं आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराएगा। इस हेतु यदि अभिभावकों द्वारा कोई भुगतान किया जाना अपेक्षित है तो स्पष्टतः उल्लेख करेगा। निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा पाठ्यपुस्तकों का निर्धारण ऐसे संबद्धता बोर्ड अथवा परीक्षा निकाय के विनियमों के अनुसार विनिश्चित किया जाएगा, जिससे कि वह संबद्ध है। अशासकीय शिक्षण संस्था अपने विवेकानुसार एनसीईआरटी, मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम, निजी प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित पाठ्य पुस्तकों में से विद्यार्थियों के शिक्षण के लिए पुस्तकों का चयन कर सकेगी। संस्थाओं के लिए अनिवार्य होगा कि वे शिक्षण सत्र प्रारंभ हाने के कम से कम एक माह पूर्व पुस्तकों की सूची, लेखक एवं प्रकाशक के नाम तथा मूल्य के साथ, अपने विद्यालय के सूचना पटल एवं अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करें। शाला के विद्यार्थियों, अभिभावकों द्वारा मांगने पर उन्हें उपलब्ध कराएं। ताकि विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकगण इन पुस्तकों को उनकी सुविधा से खुले बाजार से क्रय कर सकें।

इन्हें थमाया गया नोटिस
कलेक्टर तरुण भटनागर ने सेंट्रल एकेडमी, टाइम पब्लिक स्कूल, ज्ञानोदय अंग्रेजी माध्यम स्कूल, ईएलसी स्कूल, रेनाउन पब्लिक स्कूल के संस्था प्रमुखों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के नियमों का हवाला देते हुए उल्लेखित किया गया हैं कि प्राप्त जांच रिपोर्ट तथा दस्तावेजों से स्पष्ट है कि उप वर्णित इन नियमों तथा निर्देशों का पालन आपकी शैक्षणिक संस्था द्वारा नहीं किया गया है। यह कृत्य उक्त निर्देशों एवं मान्यता शर्तों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। उक्त के संबंध में स्पष्टीकरण मय अभिलेख सात दिवस के अन्दर जिला सचिव, जिला शिक्षा अधिकारी शहडोल के माध्यम से अधोहस्ताक्षरी को प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। समय-सीमा में स्पष्टीकरण प्रस्तुत न करने अथवा स्पष्टीकरण समाधान कारक न होने पर विधिमान्य कार्यवाही की जाएगी।

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