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Lunar Eclipse: होली पर होगा चंद्रग्रहण, भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए सूतक काल भी नहीं मनाया जाएगा

इस साल 2024 में दो सूर्यग्रहण, दो चंद्रग्रहण, चारों ग्रहण दिखाई नहीं देंगे

Vaastu cg news lunar eclipse will happen on holi will not be visible in india hence sutak period will not be celebrated: digi desk/BHN/रायपुर/ फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि पर चंद्रग्रहण पड़ रहा है। चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए ग्रहण का सूतक काल नहीं मनाया जाएगा। भारत के अलावा अन्य देशों में ग्रहण दिखाई देगा। लेकिन चंद्रमा पर नहीं। इसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है। हिंदू धर्म में यदि ग्रहण दिखाई दे और सूतक काल लगे तो इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते।

इस साल 2024 में दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण हैं, लेकिन चारों ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे। ग्रहण दिखाई नहीं देने से भले ही मंदिरों में सूतक काल नहीं माना जाएगा, लेकिन मान्यता है कि ग्रहण चाहे दिखाई दे अथवा न दिखाई दे, प्रकृति और पृथ्वी पर रहने वालों पर कुछ न कुछ असर होता ही है।

चंद्रग्रहण 25 मार्च और सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को ज्योतिषाचार्य डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार इस साल का पहला चंद्रग्रहण फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा 25 मार्च को लगेगा।

चंद्रग्रहण सुबह 10.41 बजे प्रारंभ होकर दोपहर 3.01 बजे तक रहेगा। यह भारत में नहीं दिखेगा। चंदग्रहण आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर आदि जगहों पर दिखाई देगा।

इसके 15 दिन पश्चात सूर्यग्रहण नवरात्र से एक दिन पूर्व 8 अप्रैल को चैत्र अमावस्या पर पड़ेगा। यह साल का दूसरा ग्रहण और पहला सूर्य ग्रहण होगा। ग्रहण काल रात्रि में 9.12 बजे से अर्ध्य रात्रि 1.25 बजे तक रहेगा। यह ग्रहण भी विदेशों में दिखाई देगा, भारत में नहीं दिखेगा।

पुन: चंद्रग्रहण 18 सितंबर और सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को साल का दूसरा चंद्रग्रहण 18 सितंबर को सुबह 6.12 बजे शुरू होकर सुबह 10.17 बजे तक रहेगा। यह साल का तीसरा ग्रहण होगा जो भारत में दिखाई नहीं देगा। इसके पश्चात साल का दूसरा सूर्यग्रहण 2 अक्टूबर को लगेगा।

रात्रि 9.13 बजे से मध्य रात्रि 3.17 बजे तक रहेगा। यह ग्रहण भी दिखाई नहीं देगा। अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर में दिखेगा।

क्या होता है ग्रहण

जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर नहीं पहुंचती। इसे सूर्य ग्रहण कहते हैं। इसके विपरीत जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, तो सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर पड़ती है।

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