Thursday , May 9 2024
Breaking News

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अमेरिका की ओर से चिंता जताए जाने पर भारत ने ऐतराज जताया

नई दिल्ली  
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अमेरिका की ओर से चिंता जताए जाने पर भारत ने ऐतराज जताया है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है। इसमें अमेरिका की टिप्पणी अवांछित और गैरजरूरी है। इसके अलावा उसके पास नागरिकता संशोधन कानून को लेकर गलत जानकारी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ऐक्ट के नोटिफिकेशन पर अमेरिका की चिंताओं पर हम सख्त ऐतराज जताते हैं। यह हमारा आंतरिक मसला है और अमेरिका को इस पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी की थी कि हम सीएए पर नजर बनाए हुए हैं। उसके विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था, 'भारत में 11 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी हुआ है। हम इस बात पर करीबी नजर बनाए हैं कि कैसे इस ऐक्ट को लागू किया जाता है। हम यह देख रहे हैं कि कैसे इसके तहत सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है और उन्हें समानता प्रदान की जाती है। देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए यह जरूरी चीज है।' वहीं अब भारत ने कहा, 'हम उन लोगों के लेक्चर की कोई परवाह नहीं करते, जिन्हें भारत की बहुलतावादी संस्कृति के बारे में सीमित जानकारी है।'

विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को दोटूक जवाब देते हुए कई तथ्यों का भी जिक्र किया। मंत्रालय ने कहा, 'इस ऐक्ट से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धर्म के आधार पर उत्पीड़न झेलने वाले अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, जैन , बौद्ध, ईसाई और पारसी लोगों को शरण दी जाएगी। इससे उन लोगों को नागरिकता मिलेगी, जो दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे। यह कानून नागरिकता देने के लिए आया है, लेकिन के लिए नहीं है। इसका ध्यान रखना चाहिए। यह कानून उन लोगों को एक देश की नागरिकता देता है, जो फिलहाल किसी देश के नहीं हैं। इससे उनके मानवाधिकारों की रक्षा होगी और गरिमा भी बढ़ेगी।'

जायसवाल ने कहा कि भारत का संविधान सभी वर्गों को धर्म की आजादी देता है। यहां किसी अल्पसंख्यक के साथ उत्पीड़न का कोई आधार ही नहीं है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों के लिए यदि कोई कानून बना है तो उस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इस मामले में उन लोगों का लेक्चर ठीक नहीं है, जिन्हें भारत की संस्कृति और विभाजन के बाद या पहले के इतिहास के बारे में जानकारी नहीं है। इस मामले में भारत के साझीदारों और समर्थकों को हमारा साथ देना चाहिए। इस कानून की भावना को समझना चाहिए।

 

About rishi pandit

Check Also

निर्दलीय विधायकों ने भाजपा की सरकार से समर्थन वापस ले लिया, एक्टिव हुए दुष्यंत चौटाला, फ्लोर टेस्ट की मांग

चंडीगढ़ हरियाणा में बड़े सियासी भूचाल के आसार हैं। खबर है कि जननायक जनता पार्टी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *