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जाने देश में कब लागू होगी आदर्श आचार संहिता? जानें किन-किन चीजों पर रहेगी पाबंदी

 नई दिल्ली
 देश में जल्द ही 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए तारीखों का एलान चुनाव आयोग जल्द ही करने जा रहा है। एलान के साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो जाएगी, जिससे कई तरह की पाबंदियां भी लग जाएंगी।

बता दें कि देश में बिना किसी रुकावट के पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के रूप में कुछ नियम और मानक तय किए हैं, जिनका सभी राजनीतिक पार्टियों और उम्‍मीदवारों को अनिवार्य तौर पर पालन करना होता है।
क्या होते हैं प्रावधान ?

इसके तहत चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं के लिए सामान्य आचरण से लेकर सभा, जूलूस, मतदान, पोलिंग बूथ, ऑब्जर्वर और घोषणा पत्र को लेकर नियम कायदे तय किए हैं।

जोकि कुछ इस प्रकार हैं:-

राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए…

-विभिन्न जातियों एवं समुदायों के बीच मतभेद या घृणा बढ़ाने की गतिविधि में शामिल न हों।

– नीतियों व कार्यों की आलोचना करें, किसी दल, नेता या कार्यकर्ता के निजी जीवन पर टिप्‍पणी न करें। -किसी जाति या संप्रदाय की भावनाओं का उपयोग करते हुए वोट डालने की अपील न करें।

– मंदिर, मस्जिद या पूजा के किसी अन्य स्थान का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए न हो।

-मतदाताओं को रिश्‍वत देना, उन्‍हें डराना धमकाना, मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी के भीतर प्रचार-प्रसार करना आपराधिक गतिविधि मानी जाएगी।

-मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार, सार्वजनिक सभाएं सभी पर प्रतिबंध लागू हो जाता है।

-राजनीतिक दल या किसी उम्‍मीदवार के घर के सामने विरोध प्रदर्शन व धरना न किया जाए।

-नेता अपने समर्थकों को किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी भूमि, भवन, परिसर की दीवारों आदि पर झंडा लगाने, बैनर लटकाने, सूचना चिपकाने और नारा लिखने की अनुमति नहीं दे सकते।

-राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक दूसरे दलों की बैठकों अथवा जुलूसों में बाधा न खड़ी करें, न ही उन्‍हें भंग करने का प्रयास करें।

-किसी दल की ओर से उन स्थानों के आसपास जुलूस न निकाला जाए, जहां दूसरे दलो की बैठक चल रही हो। एक दल के लगाए गए पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ताओं की ओर से हटाए न जाएं।

सभा/रैली और राजनीतिक. बैठकों के लिए ..

– सभी अथवा रैली के स्‍थान और जगह की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए।

-राजनीतिक पार्टी व नेता पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जिस जगह पर वह सभा करने वाले हैं, वहां पहले से कोई पाबंदी तो लागू नहीं हैं।

– सभा में लाउडस्‍पीकर के उपयोग की इजाजत भी पहले ही ले लें।

-सभा के आयो‍जक किसी अप्रत्‍याशित घटना से बचने के लिए पुलिस की सहायता लें।
जुलूस के लिए क्‍या हैं नियम?

– जुलूस से पहले उसके शुरू होने का समय, रूट और समाप्‍त होने के समय व स्‍थान की अग्रिम सूचना पुलिस को देनी होगी।

-जिस एरिया से जुलूस निकाल रहे हैं, वहां को पाबंदी तो नहीं है, यह पहले ही पता कर लें।

-जुलूस का प्रबंधन ऐसे करें कि यातायात प्रभावित न हो।

-एक से ज्‍यादा राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्‍ते पर जुलूस का प्रस्‍ताव हो तो समय को लेकर पहले ही बात कर लें।

-जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए।

-जुलूस के दौरान हथियार व अन्‍य नुक्‍सान पहुंचाने वाली सामग्री लेकर न चलें।

– ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देश और सलाह का कड़ाई से अनुपालन किया जाए।
मतदान के दिन के लिए निर्देश

मतदान के दिन सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि-

-राजनीतिक दल व उम्‍मीदवार अपने अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्‍ले या पहचान पत्र दें।

– निर्वाचन ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ सहयोग किया जाए।

-मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो, उस पर किसी तरह का चिन्‍ह, प्रत्‍याशी या पार्टी का नाम न हो।

-मतदान वाले दिन और उससे 48 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए।

-मतदान केंद्र के पास लगाए जाने वाले कैंपों में अनावश्यक भीड़ न इकट्ठी करें।

-कैंप सामान्‍य कों, उन पर पोस्‍टर, झंडा, प्रतीक या अन्‍य प्रचार सामग्री न प्रदर्शित न हो।

-मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका प‍रमिट ले लें।

मतदान बूथ: मतदाताओं को छोड़कर, ऐसा कोई व्यक्ति मतदान बूथ के भीतर प्रवेश नहीं करे, जिसके पास निर्वाचन आयोग का कोई मान्य पास नहीं है।

ऑब्जर्वर: ऑब्जर्वर की नियुक्ति निर्वाचन आयोग करता है। यदि उम्मीदवारों या उनके एजेंट को चुनाव के संचालन के संबंध में कोई शिकायत है तो वह ऑब्जर्वर के संज्ञान में ला सकते हैं।

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सत्ताधारी दल के लिए भी हैं नियम

-मंत्रीगण आधिकारिक दौरे के वक्‍त चुनाव प्रचार न करें।

-सरकारी विमानों और गाड़ियों का उपयोग पार्टी के हित के लिए ना करें।

-सरकारी मशीनरी और कर्मचारियों को इस्‍तेमाल पार्टी हित में ना करें।

– हेलीपैड पर सत्ताधारी दल का एकाधिकार न जताए।

-सरकारी फंड से पार्टी का प्रचार-प्रसार न करें।

-केंद्र या राज्‍य सरकार के मंत्री, उम्‍मीदवार, मतदाता या एजेंट के सिवाय अन्‍य लोग मतदान केंद्र में न घुसें।

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