डकैत गौरी और संपत कोल को पकड़ने में पुलिस के हाथ खाली
सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले सतना और चित्रकूट में दहशत का पर्याय बन चुके को क्या डकैत गौरी और संपत कोल को पकड़ने में पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं। इसे पकड़ने में बीते एक माह से सतना पुलिस जंगलों व तराई क्षेत्र की खाक छान रही है लेकिन डकैतों का अब तक सुराग नहीं लगा है। पुलिस द्वारा जंगलों के आसपास बसे गांव के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है जिसके बाद अब गांव वाले भी खौफ के साए में जी रहे हैं। उन्हें डर है कि मुखबिरी के शक में कहीं डकैत उन पर हमला न करें। इसे लेकर यह भी संभावना जताई जा रही है कि ग्रामीणों द्वारा जानकारी होने के बाद भी पुलिस को सूचनाएं नहीं पहुंचाई जा रही हैं। इसके कारण डकैतों के हौसले बुलंद है और उनका सुराग पुलिस तक नहीं पहुंच रहा है।
इसलिए खतरा महसूस कर रही पुलिस
ज्ञात हो कि दहशत के रूप में पहचाने जाने वाले दस्यु गैंग की वारदात अब तराई क्षेत्र में नहीं है। लेकिन जैसे ही पंचायत चुनावों की सुगबुगाहट आई है मतदाताओं के बीच अपना भय बनाने सियासी संरक्षण में नवोदित गैंग असलहे के साथ अपनी मौजूदगी जताने की जद्दोजहद कर रहे हैं। तराई से जुड़े लोग यह दावा करते हैं कि नवोदित दस्यु गैंग सम्पत कोल पहले बबली कोल के साथ रहता था। हालांकि गैंग का यह कोई हार्डकोर मेम्बर तो नही था लेकिन यह कभी-कभी असलहे के साथ गैंग में सक्रिय हो जाता था। अब जब बबली मारा जा चुका है और उसकी गैंग भी नही बची तो सम्पत कोल को कुछ सफेदपोश अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने का प्रयास कर रहे हैं।
गौरी से हैं संपत के रिश्ते
सम्पत कोल के बारे में तराई में चर्चा यह है कि यह बबली कोल गिरोह का यह सदस्य हुआ करता था लेकिन दस्यु सरगना बनने की चाहत रखने वाला नवोदित दस्यु गिरोह का सरगना सम्पत कोल के रिश्ते डकैत गौरी यादव से भी हैं। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि गौरी यादव के कहने पर ही सम्पत कोल ने ग्रामीण को गोली मार अपनी उपस्थिति तराई के खाली मैदान में दर्ज कराई है। बहरहाल एमपी-यूपी दोनों प्रदेशों की पुलिस इसे सिर उठाने से पहले ही कुचलना चाह रही है। जिसे लेकर सतना के चित्रकूट और यूपी के चित्रकूट के पूरे इलाके में सर्चिंग व कांबिंग गश्त की जा रही है।