सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने रविवार को रेवरा फार्म का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने नगर निगम को आवंटित 40 एकड़ भूमि में पूर्व में संचालित कचरा प्लांट का भी अवलोकन किया। नगर निगम आयुक्त अभिषेक गहलोत ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार नगर निगम के कचरा प्रबंधन का कार्य और प्लांट रेमकी कंपनी को वर्ष 2018 में हैंडओवर कर दिया गया था। उसके बाद कंपनी द्वारा डोर-टू-डोर कचरा संग्रहित कर रीवा के प्लांट में भेजा जा रहा है। राज्यमंत्री श्रीमती बागरी ने कहा कि कचरा प्लांट के लिए नगर निगम को आवंटित 40 एकड़ भूमि का सीमांकन करायें और रेमकी कंपनी द्वारा कचरा प्लांट तथा वहां स्थापित मशीनरी का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा, इसका प्रतिवेदन मंगायें। राज्यमंत्री ने कहा कि रेवरा फार्म की लगभग 450 एकड़ भूमि का सीमांकन कराकर कृषि एवं कृषि कार्य संबंधित विभागों के लिए उपयोग में लिया जा सकता है ।उन्होंने कृषि आत्मा परियोजना, उद्यानकी विभाग के अधिकारियों को रेवरा फार्म की संपूर्ण भूमि की उपयोगिता का प्लान तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिये। रेवरा फार्म के निरीक्षण के दौरान आसपास की भूमि पर चल रहे खनन कार्य की जानकारी लेते हुए राज्य मंत्री श्रीमती बागरी ने खनि अधिकारी को कहा कि रेवरा की संपूर्ण भूमि पर कहीं भी खनिज उत्खनन नहीं किया जाना चाहिये। इस मौके पर नगर निगम के स्वच्छता कार्य प्रभारी कार्यपालन यंत्री अरुण तिवारी सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
दिव्यांगजनों के लिये परीक्षण शिविर 12 से 16 फरवरी तक
उप संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण सौरभ सिंह ने बताया कि एलिम्को जबलपुर के विषय विशेषज्ञों की टीम द्वारा दिव्यांगजनों के मोटराईज्ड ट्राइसिकिल एवं सहायक उपकरण कृत्रिम अंग उपलब्ध कराये जाने के लिये परीक्षण शिविर का आयोजन 12 फरवरी से 16 फरवरी तक जनपद स्तर पर किया जा रहा है। उन्होने बताया कि 12 फरवरी को जनपद पंचायत सोहावल, 13 फरवरी को जनपद पंचायत नागौद, 14 फरवरी को जनपद पंचायत रामपुर बघेलान, 15 फरवरी को जनपद पंचायत मझगवां तथा 16 फरवरी को टाउन हाल सतना में दिव्यांगजनों के लिये परीक्षण शिविर का आयोजन किया जायेगा।
परीक्षण में शामिल होने वाले दिव्यांगजन यूडीआईडी कार्ड (40 प्रतिशत या अधिक), आय प्रमाण पत्र (उपकरण की निःशुल्क प्राप्ति के लिये 22500 रुपये या उससे कम मासिक आय) या बीपीएल राशन कार्ड, आवासीय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और दो पासपोर्ट साइज की फोटो साथ लेकर आयेंगे। उप संचालक ने बताया कि एडिप योजनांतर्गत वह लाभार्थी जिन्होने सामान प्रयोजन के लिये पिछले 3 वर्षों के दौरान किसी स्त्रोत से उपकरण प्राप्त नहीं किये हों, ऐसे लाभार्थी सहायक उपकरणों का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मोटराईज्ड ट्राइसिकिल के लिये यह समय-सीमा 5 वर्ष एवं 12 वर्ष से कम उम्र के विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिये समय-सीमा 1 वर्ष है। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने जिले की सभी नगरीय निकायों एवं जनपद पंचायतों के प्रमुखों को शिविर स्थल में बैठक व्यवस्था, बिजली व्यवस्था एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।