Sunday , September 8 2024
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अभिमत

रोहित भाई..क्या कहूं, किससे कहूं, किसको कहूं…!

                                                                          देश के एक बड़े खबरिया चैनल के वरिष्ठ पत्रकार और ख्यातिलब्ध एंकर रोहित …

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बैंको का “निजीकरण”

“अभिमत”   बैंको के निजीकरण को लेकर लोगो के विचार सोशल मीडिया पर सामने आ रहे हैं अधिकांश लोग इसके समर्थन में है। इसलिए नही कि उन्होंने इस पर कोई गंभीर चिंतन किया है बस वे इसलिए समर्थन में है क्योंकि वह एक बार वे एसबीआई गए थे तो उन्हें …

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यह लाल किले नहीं हमारी अस्मिता पर आक्रमण है !

                                        सिंघई संजय जैन (C.A) किसानों के छद्म भेष में चंद देशद्रोहियों ने लाल किले पर झंडा इतनी आसानी से इसलिए लहरा दिया क्योंकि देश का वर्तमान शासक देश के हर …

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सिर्फ स्वागत व शुभकामनाओं से काम चल जायेगा..?

हम एक बार फिर अपने-आपको ‘दिलासा’, मित्रों, हितैषियों व आलोचकों को नये साल 2021 की शुभकामनायें देने के लिए आतुर हैं। निश्चित है कि शुक्रवार का सूर्योदय नयी संभावनाओं को लेकर उदय होगा। बीते साल में कुछ बीती बातें, कुछ क्या काफी कुछ ‘खट्टे-कड़वे’ अनुभव हमेशा मन को कचोटते रहेंगे..! …

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कानफाड़ू चिल्ल-पों का दौर !

कोरोना के लंबे संक्रमण काल की एकरसता को पिछले दिनों चुनावों की गहमागहमी ने भंग किया और खूब किया। बिहार से लेकर अमरीका तक के चुनावों ने पूरे देश के लिए भरपूर मनोरंजन का अवसर दिया। ये चुनाव विश्व के दो सबसे परिवर्धित लोकतंत्रों में लड़े गए और जनता ने …

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….दीपों के ‘उजास’ में हमें ‘प्रतिबंधों’ के साथ जीना सीखना होगा

विशेष संपादकीय कोरोना के भयावह काल के बीच दीपोत्सव का पर्व हम सब भारतवासियों के सामने है। भगवान श्रीराम की अयोध्या इस दिवाली 5 लाख 11 हजार दियों की जगमगाहट से विश्व रिकॉर्ड बनाने का इतिहास रच रही है वहीं विश्वव्यापी ‘वायरस’ की दहशत की जंजीरों से निकलने के लिए …

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….क्या प्रेम चंद हिसाब किताब वाले मुंशी थे ?

पुण्यतिथि -8 अक्टूबर 1936 क्या प्रेम चंद हिसाब किताब वाले मुंशी थे ?…. अथवा किसी लाला के मुनीम या वक़ील के अभिकर्ता थे ? बहुत से लोग यह मान लेते हैं कि कायस्थ होने की वजह से उनके नाम के साथ मुंशी जुड़ा क्योंकि कायस्थ बहुधा कचहरी के पेशे से …

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ये सब मैकॉले की करतूत है…..!

ये ससुरे मैकॉले ने हमारी शिक्षा व्यवस्था का बेड़ा गर्क कर दिया वरना अपन कब के विश्वगुरु हो गए होते।जब भारत में प्राथमिक शिक्षा के स्तर के बारे में रिपोर्ट पढ़ते हैं तब से कुछ इसी तरह की प्रतिक्रिया सुनने के इंतजार रहता है। संसद में जब शिक्षा की बात …

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जश्न मनाइये कि देश चंद पूंजीपतियों की सम्पत्ति होने जा रहा…!

कल लोकसभा ने मज़दूरों के अब तक बहुत सारे संघर्षों से मिले अधिकारों को नये बिल के ज़रिये तिलांजलि दे दी। किसानों के बाद मज़दूरों को भी हलाल कर दिया गया । आज विपक्ष से ख़ाली राज्य सभा भी इसे पास ही कर देगी । अब किसी व्यावसायिक इकाई में …

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