कोविड-19 टीकाकरण के फायदे टीके महामारी नियंत्रण के लिए कारगर शस्त्र हैं। पूर्ण टीकाकरण पश्चात बीमारी दर में अत्यन्त कमी देखी गई है। जिन्हें दोनों टीके सही समय पर लग चुके हैं उनमें मृत्यु दर, कोविड पश्चात विकलांगता दर में आशातीत कमी पायी गयी है। टीके बीमारी से लड़ने के …
Read More »भारत को ‘किताबी पन्नों’ व राजनीति के ‘अंध कूप’ से बाहर निकालें तभी सच्चा विकास संभव होगा
विशेष संपादकीय ऋषि पंडित (प्रधान संपादक) समूचा देश एक बार फिर 75वां स्वतंत्रता दिवस पूरी गरिमा एवं उल्लास के साथ मनाने की दहलीज पर है। कोरोना के प्रतिबंधों से उकताया जनमानस अपने भारत देश के लिए उम्मीदों के आसमान में भारतीय तिरंगे को इतना ऊपर पहुंचाने के लिए आतुर …
Read More »रोहित भाई..क्या कहूं, किससे कहूं, किसको कहूं…!
देश के एक बड़े खबरिया चैनल के वरिष्ठ पत्रकार और ख्यातिलब्ध एंकर रोहित …
Read More »बैंको का “निजीकरण”
“अभिमत” बैंको के निजीकरण को लेकर लोगो के विचार सोशल मीडिया पर सामने आ रहे हैं अधिकांश लोग इसके समर्थन में है। इसलिए नही कि उन्होंने इस पर कोई गंभीर चिंतन किया है बस वे इसलिए समर्थन में है क्योंकि वह एक बार वे एसबीआई गए थे तो उन्हें …
Read More »जरा सोचिये , क्या सरकारें कारपोरेट का दलाल बन रही हैं…!
हम लोग व्यापार के बारे में जरूरत से ज्यादा …
Read More »यह लाल किले नहीं हमारी अस्मिता पर आक्रमण है !
सिंघई संजय जैन (C.A) किसानों के छद्म भेष में चंद देशद्रोहियों ने लाल किले पर झंडा इतनी आसानी से इसलिए लहरा दिया क्योंकि देश का वर्तमान शासक देश के हर …
Read More »सिर्फ स्वागत व शुभकामनाओं से काम चल जायेगा..?
हम एक बार फिर अपने-आपको ‘दिलासा’, मित्रों, हितैषियों व आलोचकों को नये साल 2021 की शुभकामनायें देने के लिए आतुर हैं। निश्चित है कि शुक्रवार का सूर्योदय नयी संभावनाओं को लेकर उदय होगा। बीते साल में कुछ बीती बातें, कुछ क्या काफी कुछ ‘खट्टे-कड़वे’ अनुभव हमेशा मन को कचोटते रहेंगे..! …
Read More »कानफाड़ू चिल्ल-पों का दौर !
कोरोना के लंबे संक्रमण काल की एकरसता को पिछले दिनों चुनावों की गहमागहमी ने भंग किया और खूब किया। बिहार से लेकर अमरीका तक के चुनावों ने पूरे देश के लिए भरपूर मनोरंजन का अवसर दिया। ये चुनाव विश्व के दो सबसे परिवर्धित लोकतंत्रों में लड़े गए और जनता ने …
Read More »….दीपों के ‘उजास’ में हमें ‘प्रतिबंधों’ के साथ जीना सीखना होगा
विशेष संपादकीय कोरोना के भयावह काल के बीच दीपोत्सव का पर्व हम सब भारतवासियों के सामने है। भगवान श्रीराम की अयोध्या इस दिवाली 5 लाख 11 हजार दियों की जगमगाहट से विश्व रिकॉर्ड बनाने का इतिहास रच रही है वहीं विश्वव्यापी ‘वायरस’ की दहशत की जंजीरों से निकलने के लिए …
Read More »….क्या प्रेम चंद हिसाब किताब वाले मुंशी थे ?
पुण्यतिथि -8 अक्टूबर 1936 क्या प्रेम चंद हिसाब किताब वाले मुंशी थे ?…. अथवा किसी लाला के मुनीम या वक़ील के अभिकर्ता थे ? बहुत से लोग यह मान लेते हैं कि कायस्थ होने की वजह से उनके नाम के साथ मुंशी जुड़ा क्योंकि कायस्थ बहुधा कचहरी के पेशे से …
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