“विशेष संपादकीय” ऋषि पंडित, प्रधान संपादक महापर्व होली महोत्सव हम सभी को ‘अनेकता’ से ‘एकता’ के रंग में रंगने के लिए एक बार पुनः हमारी देहरी पर है। यह इसी त्योहार की खासियत है कि बड़ा-छोटा, अमीर-गरीब की तमाम दीवारें कुछ देर के लिए ढह जाती हैं। कपड़ों और चेहरों …
Read More »आध्यामिक चेतना से सराबोर गणतंत्र दिवस पर ‘संकल्प शक्ति’ दिखाने का अवसर
विशेष संपादकीय ऋषि पंडित(प्रधान संपादक) हमारा देश आज 75 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 75वां गणतंत्र सभी भारतवासियों के लिए विशेष है। लगभग 500 साल से अखिल ब्रम्हांड नायक प्रभु श्रीराम अपनी ही भूमि में टेंट के नीचे वनवासी सा जीवन काट रहे थे। अब वो अयोध्या के भव्य …
Read More »नये वर्ष में लिए गये संकल्पों की रंगत फीकी न पड़ने दें, जीवन सार्थक हो जायेगा
(विशेष संपादकीय) ऋषि पंडितप्रधान संपादक चलिए, एक बार फिर अंग्रेजों की परंपरा निभाते हैं और ‘अंग्रेजियत’ के ‘न्यू ईयर’ 2024 के लिए आपस में सभी को शुभकामनाएं देते हैं। अंग्रेजों का नया वर्ष 2024 बीते वर्ष 2023 के गर्भ से निकल चुका है। साथ ही इस मौके पर शराब, शबाब …
Read More »मंहगाई डायन का दंश और दीपोत्सव..!
विशेष संपादकीय ऋषि पंडित (प्रधान संपादक ) चौतरफा मंहगाई की मार झेल रहे देशवासियों के लिए दीपावली अब “उत्सव” नहीं, मनाने की सिर्फ औपचारिकता रह गयी है । जी हाँ सवाल थोड़ा कड़वा लग सकता है, पर इसका उतर बीते कई वर्षों के बाद भी अनुत्तरित है। चुनावी मंचों पर …
Read More »इस दशहरे पर ‘मन’ के भीतर बैठे ‘रावण’ के कम से कम एक ‘सिर’ का दहन कर डालें..!
विशेष सम्पादकीय ऋषि पंडित (प्रधान संपादक ) देशवासी फिर से प्रत्येक वर्ष की भांति ‘असत्य पर सत्य’ की जीत का पर्व विजयादशमी मनाने के लिए तैयार हैं। तैयार हम हर साल होते हैं पर बस प्रतीकात्मक रावण के पुतले को फूंक कर पर्व की औपचारिकता निभा लेते हैं। हमारे अंदर …
Read More »संस्कृति में घुली भाषा की पराधीनता से आजाद हों तभी पूर्ण स्वाधीन होगा भारत
(विशेष संपादकीय) ऋषि पंडितप्रधान संपादक देश के स्वाधीनता दिवस का सूर्य अपनी प्रखर किरणों और पूरे दर्प के साथ एक बार फिर भारत की गौरवशाली माटी और समूचे भारवासियों की देहरी पर दस्तक देने के लिए तैयार है। 77वां स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाने के लिए पूरा देश आतुर है। अपनी …
Read More »रंगों का महापर्व होली सारी शिकायतों की ‘वर्जनाएं’ खत्म करने का संदेश
“विशेष संपादकीय” डॉ. रूपेश गर्ग(प्रबंध संपादक) रंगो का महापर्व होली महोत्सव हम सभी को ‘अनेकता’ से ‘एकता’ के रंग में रंगने के लिए एक बार पुनः हमारी देहरी पर है। यह इसी त्योहार की खासियत है कि बड़ा-छोटा, अमीर-गरीब की तमाम दीवारें कुछ देर के लिए ढह जाती हैं। कपड़ों …
Read More »राजनीति में शुचिता लाए बिना देश की प्रगति को गति नहीं मिल सकती
“विशेष संपादकीय” ऋषि पंडित (प्रधान संपादक ) हमारे राष्ट्र शिल्पियों ने शासन व्यवस्था चलाने के लिए संविधान लागू किया था। संविधान का आरंभ उद्देशिका से होता है। उद्देशिका में संविधान को लेकर कुछ आधारभूत स्थापनाओं के लिए भारतीय समाज की प्रतिश्रुति उल्लिखित हैं, जो संविधान का आधार बनकर उसके प्रयोग …
Read More »अंग्रेजों की ‘चिपकू संस्कृति’ के हम कब तक रहेंगे गुलाम…!
(विशेष संपादकीय) ऋषि पंडितप्रधान संपादक ‘अंग्रेजियत’ का नया वर्ष 2022 से निकल कर हमारे सामने 2023 में प्रवेश करने को तैयार है। रविवार को सूर्योदय की अरुणिमा नए संकल्पों और ‘बीती ताहि बिसार दे, आगे की पुनि सोच’ के साथ सारे भारत वासियों की देहरी पर है। हर साल की …
Read More »महंगाई के तमाचों के बीच कैसा “दीपोत्सव”..!
विशेष संपादकीय ऋषि पंडित(प्रधान संपादक) जी हाँ सवाल थोड़ा कड़वा लग सकता है, पर इसका उतर बीते कई वर्षों के बाद भी अनुत्तरित है। चौतरफा मंहगाई की मार झेल रहे देशवासियों के लिए दीपावली अब “उत्सव” नहीं, मनाने की सिर्फ औपचारिकता रह गयी है । चुनावी मंचों पर बड़े-बड़े बोल …
Read More »