किसान ओम नारायण वर्मा ने अपनी वसीयत में लिखा है कि ‘मेरी सेवा मेरी पत्नी और पालतू कुत्ता करता है, इसलिए मेरे जीते जी वह मेरे लिए सबसे अधिक प्रिय हैं। मेरे मरने के बाद पूरी संपत्ति और जमीन-जायदाद के हकदार पत्नी चम्पा वर्मा और पालतू कुत्ता जैकी होंगे। साथ ही कुत्ते की सेवा करने वाले को जायदाद का अगला वारिस माना जाएगा।

वसीयत को पढ़ा जाए तो ओम वर्मा ने अपनी संपत्ति का आधा हिस्सा जैकी के नाम करने की वजह बताई है। वसीयत के अनुसार, उसकी देखभाल पत्नी चम्पा द्वारा की जा रही है, इसलिए संपत्ति का आधा हिस्सा चम्पा के नाम किया है, जबकि 11 माह का जैकी हमेशा उसके साथ रहता है और देखभाल करता है, जिसके चलते जैकी के नाम संपत्ति का दूसरा हिस्सा किया गया है।