dimand:digi desk/BHN/ रीवा में इटावा बायपास स्थित परशुराम आश्रम को ढहाए जाने के विरोध में शनिवार को कलेक्ट्रेट में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। इस दौरान हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में जमकर नारेबाजी की।
हिन्दू संगठनों का नेतृत्व कर रहे ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पं. भरत तिवारी ने कहा कि इस प्रकार की धर्म विरोधी कार्यशैली बर्दाश्त नहीं की जाएगी चाहे वो सरकार हो या प्रशासन हम पुरजोर विरोध करेंगे। हिंदू संगठनों ने आज ज्ञापन दिया है यदि सरकार ने दोषियों पर कार्यवाही नहीं की तो पूरे प्रदेश में सड़कों पर विरोध करेंगे। शिवसेना नेता पप्पू तिवारी ने कहा कि एक तरफ भाजपा हिंदुत्व का राग अलापती है वही दूसरी ओर हिंदुओं के धर्म स्थलों को निशाना बना रही है। रीवा की करतूत से शिवराज सरकार का धर्म विरोधी एजेंडा उजागर हो गया। हिंदू संगठन के सदस्य व कथा वाचक पं. विपिन बिहारी ने कहा कि जिस समय प्रशासन उस आश्रम पर बुलडोजर चला रहा था उस समय वहां साधु-संत भजन-कीर्तन कर रहे थे यह निर्णय जिसका था उस पर शीघ्र कार्रवाई होनी चाहिए।
दोषियों पर हो एफआइआर
संत पुजारी संघ के अध्यक्ष पं. शिवप्रसाद तिवारी ने कहा कि आश्रम गहरी आस्था का केंद्र था परिसर में हनुमान मंदिर, परशुराम मंदिर और शनि मंदिर थे प्राण प्रतिष्ठा द्वारा स्थापित मूर्तियों तक को विस्थापित नहीं किया गया। परशुराम सेना के अध्यक्ष पं. योगेश दीक्षित ने कहा कि सरकार और प्रशासन गंभीरता दिखाते हुए पुनः मंदिर निर्माण और मूर्तियों की स्थापना कराए साथ ही दोषियों पर एफआइआर हो नहीं तो हिन्दू संगठन चुप नहीं रहेंगे। प्रदर्शन करने वालों में बजरंग सेना अध्यक्ष अभिषेक जैन, आदर्श केशरवानी, राजेश साहू, संत पुजारी संघ से डॉ पं. प्रमोद शास्त्री, पं. रामचरण शास्त्री, पं. संजय वाजपेयी, पं. रघु शास्त्री, पं. राजेश तिवारी, युवक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल चौबे, डॉ. रामचंद शर्मा, सुशील तिवारी, शिवनारायण शास्त्री, पं. गोलू तिवारी आशीष चौबे आदि मौजूद थे।