- राहु-केतु की अशुभ स्थिति में कालसर्प दोष का निर्माण होता है
- जीवन में कई परेशानियां आने लगती हैं
- कुंडली में राहु दोष होता है, उसे हमेशा मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है
Rahu ketu effect inauspicious effects of rahu ketu make life difficult do these measures to get rid of rahu ketu dosh in kundali: digi desk/BHN /इंदौर/ ग्रहों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। शनि की तरह राहु और केतु को भी क्रूर ग्रह माना जाता है। कहा जाता है कि अगर कुंडली में राहु-केतु अशुभ स्थिति में हों तो जीवन में कई परेशानियां आने लगती हैं। राहु-केतु छाया ग्रह माने जाते हैं। कुंडली में राहु-केतु की अशुभ स्थिति में कालसर्प दोष का निर्माण होता है। इस दौरान व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर कुंडली में राहु-केतु की महादशा हो, तो इससे बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं। आइए जानते हैं कि राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय।
राहु-केतु दोष
शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु दोष होता है, उसे हमेशा मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। राहु के दोष से आपको आर्थिक रूप से नुकसान होगा, साथ ही आपकी मूल्यवान चीजें गायब हो जाती होंगी। इसके कारण व्यक्ति गुस्से वाला बन जाता है और छोटी-छोटी बातों पर चिड़ने लगता है। राहु दोष के कारण कोर्ट-कचहरी के चक्कर ज्यादा लगाने पड़ते हैं।
शास्त्रों के अनुसार यदि कुंडली में केतु ग्रह का अशुभ प्रभाव हो, तो व्यक्ति को शारीरिक परेशानियां होने लगती हैं जिस व्यक्ति की कुंडली में केतु दोष होता है, उसे जोड़ों का दर्द, त्वचा संबंधी समस्याएं, रीढ़ की हड्डी की समस्याएं आदि जैसी कई बीमारियां होती हैं।
राहु-केतु दोष से बचने के उपाय
- राहु-केतु के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए गुरुवार के दिन कन्याओं को हलवा-पूरी खिलाएं। इसके बाद उनका आशीर्वाद लें, इससे राहु-केतु का अशुभ प्रभाव दूर हो जाएगा।
- भगवान शिव की पूजा से भी राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। सोमवार के दिन भगवान शिव को काले तिल, बेलपत्र और गंगाजल चढ़ाएं। भगवान शिव के सामने बैठकर “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना भी लाभकारी होता है।
- राहु-केतु के प्रभाव को कम करने के लिए नीले और गुलाबी रंग के कपड़े पहनें। कुत्ते को रोजाना रोटी खिलाना भी उपयोगी होता है।
- राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए घर में शेषनाग पर नृत्य करते हुए श्रीकृष्ण की तस्वीर लगाएं और रोजाना उसकी पूजा करें। पूजा के दौरान “ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का कम से कम 21 बार जाप करें।
- शनिवार के दिन ज्योतिषी की सलाह मानकर आप गोमेद राहु रत्न धारण कर सकते हैं।