नई दिल्ली
साल 2024 भारत की खेल यात्रा के लिए शानदार रहा। जहां देश ने ओलंपिक और पैरालंपिक दोनों वैश्विक इवेंट में बढ़िया प्रदर्शन किया। क्रिकेट, शतरंज के अलावा कई खेलों में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। खिलाड़ियों की अथक मेहनत को सरकार का भी पूरा सहयोग मिला। खेलों को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार ने पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए 470 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया था। पेरिस में खेल गांव में बढ़ती गर्मी की शिकायत के बीच मोदी सरकार ने खिलाड़ियों के प्रति अपना पूर्ण समर्थन प्रकट करते हुए ओलंपिक खेल गांव में 40 पोर्टेबल एयर कंडीशनर उपलब्ध कराए थे। यह सरकार के खेल इंफ्रास्ट्रक्चर पर गहन फोकस का नतीजा था। खेलो इंडिया' और 'टॉप्स' जैसी सरकारी पहलों का समर्थन इन एथलीटों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिससे उन्हें बाधाओं को तोड़ने और वैश्विक मंच पर भारत के स्थान को फिर से परिभाषित करने में सक्षम बनाया जा रहा है।
एक तरफ सरकार द्वारा खिलाड़ियों को पूरी तरह खेल पर फोकस करने के लिए बाकी तनाव से मुक्त करने की हरसंभव कोशिश की गई तो दूसरी ओर भारतीय खिलाड़ियों ने अपने दमदार प्रदर्शन के साथ देश को निराश नहीं किया। भारत के लिए खासकर मनु भाकर ने ओलंपिक में इतिहास रच दिया। भारत की यह युवा निशानेबाज एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बन गई। स्वप्निल कुसाले ने शूटिंग में एक और मेडल जीतकर कमाल कर दिया। इसके साथ ही भारत ने ओलंपिक के एक ही संस्करण में एक खेल इवेंट में सर्वाधिक मेडल जीतने का रिकॉर्ड बना दिया।
वहीं, नीरज चोपड़ा ने टोक्यो में गोल्ड मेडल जीतने के बाद पेरिस ओलंपिक के भाला फेंक इवेंट में भी सिल्वर मेडल हासिल किया। इसके साथ ही नीरज चोपड़ा ओलंपिक इतिहास में भारत के सबसे सफल खिलाड़ी बन गए। कुश्ती में मेडल जीतने की परंपरा भी जारी रही और अमन सहरावत कांस्य पदक जीतने वाले देश के सबसे युवा ओलंपिक पदक विजेता रेसलर बने।
ओलंपिक के बाद हुए पैरालंपिक खेलों ने तो कमाल कर दिया। इसमें भारत ने एक पैरालंपिक खेलों में सबसे ज्यादा पदक जीतने का रिकॉर्ड बना दिया। भारत के पैरालंपिक खिलाड़ियों ने 7 गोल्ड मेडल के साथ कुल 29 पदक जीते। अवनि लेखरा ने महिला 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में गोल्ड मेडल जीता, जबकि नितेश कुमार ने बैडमिंटन में कमाल किया, उन्होंने पुरुष सिंगल एसएल3 प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। ऐसे ही सुमित अंतिल और धर्मबीर ने क्रमशः एफ64 और एफ51 पुरुष भाला फेंक इवेंट में गोल्ड जीते। पैरालंपिक तीरंदाजी में हरविंदर सिंह ने पुरुषों के व्यक्तिगत रिकर्व ओपन में स्वर्ण पदक जीता। यह भारतीय पैरा-स्पोर्ट्स के लिए वास्तव में सामूहिक उपलब्धि बन गई।
ओलंपिक और पैरालंपिक के अलावा भारत का प्रदर्शन अन्य खेलों में भी खास रहा। जैसे शतरंज में भारत के गुकेश डी हाल में ही सबसे युवा विश्व चेस चैंपियन बन गए। ऐसे ही वैशाली रमेश बाबू भारत की तीसरी महिला ग्रैंडमास्टर बनीं। भारत चेस टीम ने हंगरी में हुए 45वें चेस ओलंपियाड में महिला और ओपन सेक्शन में गोल्ड मेडल हासिल किया। महिला टीम ने तो इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में पहली बार गोल्ड मेडल हासिल किया।
भारत की दिव्यकीर्ति सिंह अर्जुन अवॉर्ड जीतने वाली देश की पहली महिला घुड़सवार बनी। क्रिकेट की बात की जाए तो विराट कोहली को आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ 2023 और सूर्यकुमार यादव को आईसीसी पुरुष टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट ऑफ द 2023 चुना गया था। भारत ने रोहित शर्मा की अगुवाई में वेस्टइंडीज और यूएसए में आयोजित टी20 विश्व कप भी जीता। इनके अलावा, भारत में महिला क्रिकेट को एक महत्वपूर्ण बढ़ावा देते हुए, कैप्री स्पोर्ट्स के स्वामित्व वाली महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) टीम यूपी वारियर्स को यूएन वुमन द्वारा 'जनरेशन इक्वलिटी एली' के रूप में मान्यता दी गई है। भारत की महिला युगल जोड़ी आयिका मुखर्जी और सुतिर्था मुखर्जी ने कजाकिस्तान के अस्ताना में एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप में देश का पहला कांस्य पदक हासिल करके इतिहास रच दिया।
किर्गिस्तान में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारत के पहलवानों ने चार रजत और पांच कांस्य पदक जीते। दुबई में आयोजित एशियाई अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2024 में भारत ने सात स्वर्ण, 11 रजत और 11 कांस्य पदक जीतकर तीसरा स्थान हासिल किया। भारत के गुलवीर सिंह ने जापान में हचियोजी लॉन्ग डिस्टेंस 2024 एथलेटिक्स मीट में पुरुषों की 10,000 मीटर दौड़ में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। भारत के मान सिंह ने चीन के हांगकांग में एशियाई मैराथन चैंपियनशिप 2024 में 2 घंटे 14 मिनट 19 सेकंड (2:14:19) के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ स्वर्ण पदक जीता।
मुक्केबाजी की दुनिया में, भारतीय मुक्केबाज मनदीप जांगड़ा ने अमेरिका स्थित नेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन का इंटरकॉन्टिनेंटल सुपर फेदरवेट खिताब जीता। कुल मिलाकर, भारतीय खेलों के लिए यह उल्लेखनीय साल देश के एथलीटों के अथक समर्पण और प्रतिभा को रेखांकित करता है।